अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद कितना बदला जम्मू-कश्मीर की दूसरी कड़ी में देखिये सीमावर्ती गांवों के विकास की कहानी

jammu and kashmir

अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में विकास के तमाम कार्य चल रहे हैं। मसलन एक निर्माणाधीन पुल के जरिये राजौरी के दूर-दराज के सीमावर्ती गांवों की बड़ी समस्या खत्म होने वाली है। लोग इस पुल के बन जाने से अपनी खुशी बयां करते नहीं थक रहे हैं।

नमस्कार, प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क की खास पेशकश अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से कितना बदला जम्मू-कश्मीर में आप सभी का स्वागत है। इस विशेष कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में आज बात करेंगे कश्मीर के दूरदराज या सीमावर्ती गांवों की और जानेंगे कि क्या उन तक पहुँचा है केंद्र का विकास। भारत की आजादी के सात दशकों से ज्यादा समय बाद भी क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई ऐसा भी क्षेत्र हो सकता है देश में जहाँ अब तक बिजली की सुविधा नहीं पहुँची हो। अनुच्छेद 370 रहने तक जम्मू-कश्मीर में बहुत से ऐसे क्षेत्र थे जहाँ बिजली नहीं पहुँची थी। अब केंद्र सरकार की सभी योजनाएँ वहां लागू हैं तो कमाल होता जा रहा है। आइये आज आपको लिये चलते हैं जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के कदला गांव में। केंद्र की 'सौभाग्य योजना' के तहत आखिरकार कदला गांव के सभी 25 घरों में अब बिजली आ गई है। स्थानीय लोग खुश हैं कि उन्हें अपने घरों में रोशनी करने के लिए अब लकड़ी जलाने या मोमबत्ती जलाने की जरूरत नहीं रह गयी है।

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सरकार या प्रशासन का काम क्या होता है? यही कि दूरदराज के क्षेत्रों में भी बुनियादी सुविधाएं मौजूद हों। अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में विकास के तमाम कार्य चल रहे हैं। मसलन एक निर्माणाधीन पुल के जरिये राजौरी के दूर-दराज के सीमावर्ती गांवों की बड़ी समस्या खत्म होने वाली है। पहले साध्याल, टुंडी तरार, खानखरी, गंभीर ब्राह्मणा गांवों के लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। अब स्थानीय नदी पर लगभग चार करोड़ रुपये की लागत से 50 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया जा रहा है जिससे स्थानीय लोगों का जीवन आसान हो जायेगा।

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आपको कैसी लगी प्रभासाक्षी की पेशकश इसके बारे में राय जरूर दीजियेगा और हाँ 6 अगस्त तक विशेष रूप से चलने वाली हमारी इस श्रृंखला को अवश्य देखते रहिये क्योंकि बदलते कश्मीर की कहानी सबकी जुबां पर होनी ही चाहिए।

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