साध्वी के नाते महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया: उमा

[email protected] । Feb 25 2017 11:02AM

केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि महाशिवरात्रि के पर्व पर यहां स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में उन्होंने एक साध्वी की हैसियत से गर्भगृह में प्रवेश किया और शिवलिंग पर जल चढ़ाया है।

उज्जैन। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि महाशिवरात्रि के पर्व पर यहां स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में उन्होंने एक साध्वी की हैसियत से गर्भगृह में प्रवेश किया और शिवलिंग पर जल चढ़ाया है। उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर देश के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने के कारण महंत एवं पुजारियों के अलावा अन्य किसी व्यक्ति को गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी जाती है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना एवं जल अभिषेक करने आई उमा भारती को शुरुआत में वहां खड़े मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह में प्रवेश देने से रोक दिया था।

गौरतलब है कि महाशिवरात्रि के दिन महाकाल मंदिर में लाखों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन को आते हैं और दर्शन करने के लिए उनको घंटों तक लंबी-लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ता है, जिसके चलते गर्भगृह में मंदिर के पुजारियों के अलावा अन्य किसी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है। उज्जैन के कलेक्टर एवं मंदिर समिति के चेयरमैन संकेत भोंडवे ने उमा भारती को कहा कि हर साल महाशिवरात्रि के दिन भक्तों की भारी भरकम भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन पुजारियों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश देने की अनुमति नहीं देता है। बाद में उमा भारती ने अधिकारियों को अपने साध्वी का दर्जा प्राप्त होने की बात करते हुए कहा, ‘‘मुझे गर्भगृह में भगवान को जल चढ़ाने से कोई नहीं रोक सकता है, क्योंकि यह मेरे जैसे लोगों का अधिकार है।’’ उज्जैन के कलेक्टर ने बताया, ‘‘हमने उमा भारती को शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए गर्भगृह में प्रवेश दिया और अन्य किसी व्यक्ति को वहां नहीं जाने दिया।’’ हालांकि, बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे अन्य भक्तों को असुविधा नहीं हुई और इसी का परिणाम है कि ढाई लाख से अधिक लोगों ने भगवान महाकाल के दर्शन किये।

इसी बीच, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया, ‘‘एक दिन पहले उज्जैन महाकाल मंदिर की मर्यादाओं की व्यवस्था देखने वाले मंदिर के अंदर के उदासीन अखाड़े के महंत श्री प्रकाश पुरी से महाकाल मंदिर में जल चढ़ाने की अनुमति लेकर ही वह उज्जैन आई थीं। यहां मंदिर में आने के आद महंत जी एवं पुरोहितों की अनुमति से उन्होंने महाकाल पर जल चढ़ाया।’’ उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने एक शानदार सिंहस्थ की व्यवस्था की थी, जो कि अभूतपूर्व थी तथा उस समय पर वह स्वयं सारे नियमों का पालन कर रहीं थीं एवं नंदी गृह में भी नहीं गई थीं। उमा भारती ने बताया, ‘‘लेकिन महाशिवरात्रि के पर्व पर हर संन्यासी को शिवलिंग पर जल चढ़ाने का अधिकार होता है। मैं स्वयं एक दीक्षित संन्यासी हूं। इसलिए यदि अखाड़े के महंत तथा पुरोहित वर्ग अनुमति देता है तो मुझे जल चढ़ाने का अधिकार है, क्योंकि आज का दिन हमारे ही अधिकार का होता है।’’ जब बड़ी तादात में वहां खड़े लोगों एवं कुछ पुजारियों ने अपनी कुछ असुविधा के बारे में उन्हें जानकारी दी तो इस पर उमा भारती ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक परम शिव भक्त एवं संवेदनशील हैं और वह इन तथ्यों को मुख्यमंत्री तक पहुंचा देंगे, ताकि उनका जल्द से जल्द निराकरण हो सके।

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