नवाब खानदान अंग्रेजों का वफादार, उसकी संपत्ति जब्त कराने के लिए चलाएंगे आंदोलन: अब्दुल्लाह आजम

abdullah azam

अब्दुल्ला ने कारागार में बिताए दिनों को बुरा ख्वाब करार देते हुए कहा कि इस वक्त ने उन्हें बहुत कुछ सिखा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें और उनके परिवार को जानबूझकर निशाना बनाया गया और छवि धूमिल करने की कोशिश की गई। उनके पिता पिछले काफी अर्से से भले ही जेल में हैं, लेकिन उनकी शुरू की गई मुहिम उन्हें चुनाव में जीत दिलाएगी।

लखनऊ। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में अपना विधायक पद गंवाने के बाद हाल ही में जमानत पर जेल से छूटे समाजवादी पार्टी नेता अब्दुल्लाह आजम ने रामपुर के नवाब खानदान को ‘अंग्रेजों का वफादार करार देते हुए उसकी संपत्ति जब्त करने की मांग की और कहा कि इस जायदाद को सरकारी संपत्ति बनाने के लिए आंदोलन चलाया जाएगा। अब्दुल्ला ने अरसे से अपने परिवार के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रामपुर के नवाब खानदान से तल्खी के बारे में पूछे जाने पर आरोप लगाया नवाब खानदान के लोग अंग्रेजों के वफादार थे। इसी वजह से उन्हें इनाम और उपाधियों से नवाजा गया। ऐसे लोगों की हिंदुस्तान में कोई जगह नहीं है। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला ने मांग की, मुल्क से गद्दारी के एवज में नवाबों को मिली जायदाद को जब्त कर लिया जाना चाहिए। रामपुर में नवाब खानदान की जायदाद को सरकारी संपत्ति बनाने के लिए आंदोलन चलाया जाएगा। स्वार सीट से भाजपा के सहयोगी अपना दल-सोनेलाल द्वारा नवाब खानदान के हैदर अली खां को उम्मीदवार बनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, कौन हैदर अली खां... मैं उन्हें नहीं पहचानता। 

इसे भी पढ़ें: एक और विधायक ने छोड़ा सपा का साथ, अखिलेश पर लगाया पार्टी की हिंदू छवि बनाने का आरोप

अब्दुल्ला ने कारागार में बिताए दिनों को बुरा ख्वाब करार देते हुए कहा कि इस वक्त ने उन्हें बहुत कुछ सिखा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें और उनके परिवार को जानबूझकर निशाना बनाया गया और छवि धूमिल करने की कोशिश की गई। उनके पिता पिछले काफी अर्से से भले ही जेल में हैं, लेकिन उनकी शुरू की गई मुहिम उन्हें चुनाव में जीत दिलाएगी। अब्दुल्ला ने जेल में बिताए दिनों को याद करते हुए कहा, वह बहुत बुरा ख्वाब था। जेल में हुई दुश्वारियां और रुसवाइयों से मैं इतना परेशान नहीं हुआ जितना कोविड-19 से संक्रमित होने के पांच महीनों के दौरान हुआ। जेल में गुजरे दो साल ने ही नहीं, बल्कि पिछले पांच सालों ने मुझे बहुत कुछ सिखा दिया। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से सपा प्रत्याशी के तौर पर नामांकन के वक्त फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किए जाने के आरोप पर अब्दुल्ला ने कहा, न तो मेरा जन्म प्रमाण पत्र फर्जी था और न ही मेरा पैन कार्ड या पासपोर्ट फर्जी है। मगर मुझे अंदेशा है कि भाजपा मेरा नामांकन रद्द करा सकती है। गौरतलब है कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र इस्तेमाल करने तथा कुछ अन्य मामलों में मुकदमे दर्ज होने के बाद अब्दुल्लाह, उनके पिता आजम खान और मां तजीन फातिमा ने फरवरी 2020 में आत्मसमर्पण कर दिया था। उसके बाद उन्हें सीतापुर जेल भेजा गया था। 

इसे भी पढ़ें: रक्षक ही भक्षक बन जाए तो क्या होगा ? अखिलेश ने आतंकियों के केस को ड्राप करने का किया था काम: जेपी नड्डा

अब्दुल्ला वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से जीते थे, मगर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में वर्ष 2019 में उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। अब्दुल्ला हाल ही में जमानत पर रिहा हुए हैं। आजम खान पर 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं और वह पिछले करीब 23 महीनों से सीतापुर जेल में बंद हैं। सपा ने आजम को रामपुर शहर सीट से जबकि अब्दुल्ला को स्वार सीट से एक बार फिर प्रत्याशी बनाया है। दिसंबर 2020 में जमानत पर रिहा हुई तजीन रामपुर शहर सीट से निवर्तमान विधायक हैं। वह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर सीट से आजम खान के सांसद चुने जाने के कारण रिक्त हुई रामपुर शहर विधानसभा सीट के उपचुनाव में विजयी हुई थीं। आजम की गैर मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा रामपुर में कोई इंसान नहीं, बल्कि आम जनता चुनाव लड़ती है। आजम खान ने पिछले 40 वर्षों के दौरान रामपुर में जो मुहिम शुरू की वह आज भी जिंदा है। यही तहरीक चुनाव लड़ेगी और जीत भी दिलाएगी। भाजपा द्वारा सपा को पाकिस्तान परस्त, जिन्ना वादी तथा तमंचा वादी बताए जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा पहले इस बात का जवाब दे कि लखीमपुर खीरी में जीप चढ़ाकर मारे गए किसानों के परिवारों को इंसाफ कब मिलेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़