आजम खान ने की अखिलेश यादव से मुलाकात, बोले- 2027 में आएगी 'बदलाव की लहर'

Azam Khan met Akhilesh Yadav
X@yadavakhilesh
अंकित सिंह । Nov 7 2025 1:54PM

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात कर खुद, परिवार और समर्थकों के साथ हुए अन्याय पर बात की। इस 30 मिनट की अहम चर्चा में आजम खान ने 2027 में राजनीतिक बदलाव और अपनी भागीदारी का संकेत दिया, साथ ही न्याय और निष्पक्षता की मांग दोहराई।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से उनके आवास पर मिले। लगभग 30 मिनट तक चली इस मुलाकात को मौजूदा राजनीतिक माहौल में अहम माना जा रहा है। मुलाकात के बाद, आज़म खान ने कोई विस्तृत जानकारी देने से परहेज किया, लेकिन कहा कि वह अपने, अपने परिवार और समर्थकों के साथ हुए अन्याय की कहानी साझा करने आए थे। आज़म ख़ान ने कहा कि हमने एक-दूसरे से दिल की बात की। जब दो समान विचारधारा वाले राजनेता मिलते हैं, तो स्वाभाविक रूप से सार्थक चर्चाएँ होती हैं। 

इसे भी पढ़ें: बाबा बागेश्वर की सनातन एकता पदयात्रा, 10 दिन में 3 राज्यों से होकर गुजरेंगे

सपा नेता ने कहा कि विपक्ष अक्सर अपने राजनीतिक हितों को साधने वाली टिप्पणियों का सहारा लेता है; हर पार्टी की अपनी विचारधारा और मान्यताएँ होती हैं। मैं बस इतना कह सकता हूँ कि 2027 में बदलाव की लहर आएगी और मैं उसका हिस्सा बनूँगा। आज़म खान ने अपने और अपने सहयोगियों के साथ हुए व्यवहार को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा: "हमारे साथ जो अन्याय हुआ है, उस पर हम आपस में चर्चा करते हैं। मुझे उम्मीद है कि मेरे या किसी और जैसे अन्याय का सामना किसी और को न करना पड़े। हम अदालतों से न्याय और सभी एजेंसियों से निष्पक्षता चाहते हैं।" उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनके, उनके सहयोगियों और विश्वविद्यालय के साथ जो अन्याय हुआ है, वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के वाराणसी दौरे से पहले तैयारियों की समीक्षा की

बिहार में चल रहे 'जंगल राज' के मुद्दे पर बोलते हुए, आज़म खान ने सार्वजनिक रूप से बिहार जाने से इनकार कर दिया और कहा, "वहाँ जंगल राज की बात हो रही है, लेकिन जंगलों में तो कोई इंसान रहता ही नहीं। मैं वहाँ कैसे जा सकता हूँ? मैं जानबूझकर रेल की पटरियों पर सिर रखने से इनकार कर दूँगा।" इस लाक्षणिक अभिव्यक्ति ने वहाँ के हालात के आगे झुकने से उनके इनकार को दर्शाया। अखिलेश यादव ने काव्यात्मक शब्दों में इस मुलाकात के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा, "आज जब वे हमारे घर आए तो कितनी सारी यादें ताज़ा हो गईं! यह सभा हमारी साझी विरासत का प्रतीक है।" उनके संदेश में पार्टी के भीतर एकता और एकजुटता के महत्व पर ज़ोर दिया गया।

All the updates here:

अन्य न्यूज़