बेगुसराय का रण: गिरिराज-तनवीर के खिलाफ कन्हैया कुमार ने भरा नामांकन

begusarai-kanhaiya-kumar-filled-the-nomination-against-giriraj-tanveer
अभिनय आकाश । Apr 10 2019 10:09AM

बेगूसराय लोकसभा सीट से राजग की ओर से भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने अपना नामांकन पहले ही दाखिल कर दिया है। इसके अलावा सोमवार को तनवीर हसन ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया था।

पटना। लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार की सबसे चर्चित सीट बेगूसराय जिसपर सभी की निगाहें टिकी थी। भला हो भी क्यों न भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह नवादा की जगह बेगूसराय से चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं। जिनसे राजनीति के दंगल में दो-दो हाथ करने के लिए जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीवार कन्हैया कुमार ने आज अपना नामांकन दाखिल कर दिया। कन्हैया को समर्थन करने के लिए गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी, अभिनेत्री स्वरा भास्कर, शेहला राशिद, गुरमेहर और नजीब की मां भी पहुंचीं। बता दें कि इस सीट पर राजद के डॉ तनवीर हसन महागठबंधन की तरफ से उम्मीदवार हैं। जिससे की इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। इस सीट पर चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होगा। 

इसे भी पढ़ें: बेगूसराय में कन्हैया के रोड शो का विरोध, दिखाए गए काले झंडे

बेगूसराय लोकसभा सीट से राजग की ओर से भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने अपना नामांकन पहले ही दाखिल कर दिया है। इसके अलावा सोमवार को तनवीर हसन ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया था। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के भोला सिंह ने तनवीर हसन को 58 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त देकर सीट पर कब्जा जमाया था। भोला सिंह पूर्व भाकपा नेता थे, जो भाजपा में शामिल हो गए थे। 34.31 फीसदी वोट हिस्सेदारी के साथ हसन को करीब 370,000 वोट मिले थे, जबकि भोला सिंह को 39.72 फीसदी वोट हिस्सेदारी के साथ 428,000 वोट हासिल हुए थे। भाकपा के राजेंद्र प्रसाद सिंह को 17.87 फीसदी वोटों के साथ करीब 200,000 वोट मिले थे। लेकिन बेगुसराय के सांसद भोला सिंह के निधन और नवादा सीट सहयोगी लोजपा के खाते में चले जाने के बाद गिरिराज सिंह को यहां से मैदान में उतारा गया।

इसे भी पढ़ें: रूठे गिरिराज को अमित शाह ने मनाया, बेगूसराय से ही लड़ेंगे चुनाव

इस सीट के जातिगत समीकरण की बात करे तो यहां 19 फीसदी भूमिहार, 15 फीसदी मुस्लिम, 12 फीसदी यादव और सात फीसदी कुर्मी हैं। भूमिहार वोट ही यहां हार-जीत का समीकरण तय करते हैं। 16 लोकसभा चुनावों में से कम से कम 11 में नौ बार भूमिहार सांसद बने हैं। 2009 में अंतिम परिसीमन से पहले बेगूसराय जिले में दो संसदीय सीटें बेगूसराय और बलिया सीट थीं। तब उन दोनों को मिलाकर बेगूसराय कर दिया गया और बलिया सीट खत्म हो गई. बेगूसराय जिले की सात विधानसभा सीटों में से पांच बलिया में आती हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़