युवाओं के लिए प्रेरणा का एक प्रमुख स्रोत है भगवद गीता: मनोहर लाल खट्टर

मुख्यमंत्री ने कहा कि शुक्रवार का दिन कई मायनों में अनूठा था ‘‘क्योंकि हम न केवल अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मना रहे हैं बल्कि दो महान हस्तियों, मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती भी मना रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, लोग आज क्रिसमस भी मना रहे हैं।’’ खट्टर ने कहा कि देश के 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपति और छात्र, इसके अलावा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी इस कार्यक्रम का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करती है ताकि वे अपने जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह, गीता की अपनी प्रासंगिकता है क्योंकि इसके श्लोकों से निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा और स्वर युवाओं के मन में सकारात्मक प्रभाव डालते हैं और उन्हें जीवन में सही रास्ता चुनने में उनकी सहायता करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र युद्ध मैदान में भगवद गीता का संदेश दिया था जो अब लोगों के जीवन का सार बन गया है।श्रीमद्भागवत गीता युवाओं को अच्छी शिक्षा देने में एक विशेष स्थान रखती हैhttps://t.co/pVS3mvpakJ pic.twitter.com/wMzGXDVPKO
— Manohar Lal (@mlkhattar) December 25, 2020
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उन्होंने कहा कि इस पवित्र ग्रंथ की शिक्षाएं आधुनिक समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। खट्टर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव हाल के वर्षों में मॉरिशस और ब्रिटेन में भी आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य दुनियाभर में भगवद गीता की शिक्षाओं का प्रचार करना है। इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया में इस साल एक कार्यक्रम होने वाला था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 स्थिति के कारण, इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन डिजिटल तरीके से किया जा रहा है। खट्टर ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने और धार्मिक ग्रंथों को आसान में प्रसारित करने के लिए कैथल जिले के मुंदरी में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की है ताकि लोग इससे लाभान्वित हो सकें।
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