Supreme Court से मनीष सिसोदिया को लगा बड़ा झटका, मानहानि के मुकदमे को रद्द करने की याचिका खारिज
मनीष सिसोदिया ने अपने खिलाफ दाखिल मानहानि के मुकदमे को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इससे पहले गुवाहाटी के हाई कोर्ट ने भी सिसोदिया की याचिका को खारिज कर दी थी।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से आज बड़ा झटका लगा है। दरअसल, मनीष सिसोदिया ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को लेकर कई बड़े आरोप लगा दिए थे। इसके बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। मनीष सिसोदिया ने अपने खिलाफ दाखिल मानहानि के मुकदमे को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इससे पहले गुवाहाटी के हाई कोर्ट ने भी सिसोदिया की याचिका को खारिज कर दी थी। कोर्ट की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि अपनी सतही बयानबाजी के लिए मनीष सिसोदिया को हिमंत बिस्वा सरमा से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए थी। लेकिन अब उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
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मनीष सिसोदिया की ओर से वकील के मौत पर अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने साफ तौर पर कहा कि यदि आप सार्वजनिक बहस को इतना नीचे ले जाते हैं तो आपको इसके परिणाम भुगतने होंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब आपको कोर्ट के सामने साबित करना होगा। सिसोदिया के वकील को फटकार भी लगी। कोर्ट ने कहा कि यह महसूस करने के बजाय के देश क्या कर रहा है, आप सब लोग एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। हालांकि सिसोदिया के वकील सिंघवी ने साफ तौर पर कहा कि उन्हीं यानि की हिमंत बिस्वा सरमा को पैसा मिला है। आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया ने हिमंत बिस्वा सरमा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसी के बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
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मनीष सिसोदिया ने कहा था कि सरमा ने ‘‘कोविड-19 आपात स्थिति का लाभ उठाते हुए’’ अपनी पत्नी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों की कंपनियों को एक पीपीई किट 990 रुपये के हिसाब से तत्काल आपूर्ति करने के आदेश दिए। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरमा की पत्नी की फर्म चिकित्सा उपकरणों का कारोबार भी नहीं करती है। मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत 2020 में जब कोविड महामारी से जूझ रहा था, तब असम के स्वास्थ्य मंत्री रहे हिमंत बिस्व सरमा ने अपनी पत्नी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों की कंपनियों को पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए ठेके दिये थे।
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