जिग्नेश मेवाणी को बड़ी राहत, पुलिसकर्मी पर कथित हमले के मामले में मिली जमानत
अदालत ने मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी कर ली थी, आज उसका फैसला आना था। अंगसुमन बोरा ने कहा था कि अभियोजन पक्ष ने स्थगन आदेश प्राप्त करने का प्रयास किया लेकिन अदालत ने इससे इनकार कर दिया और उसे बृहस्पतिवार को ही दलीलें रखने को कहा।
गुजरात के कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को बड़ी राहत मिली है। असम के बारपेटा जिले की एक स्थानीय अदालत ने उन्हें पुलिस अधिकारी से कथित मारपीट के मामले में जमानत दे दी है। जिग्नेश मेवानी के वकील अंगसुमन बोरा ने बताया कि असम के बारपेटा जिले की एक स्थानीय अदालत ने एक पुलिसकर्मी पर कथित हमले के मामले में जिग्नेश मेवानी को जमानत दे दी है। हालांकि औपचारिकताओं के कारण उन्हें 30 अप्रैल को रिहा किए जाने की उम्मीद है। आपको बता दें कि अदालत ने एक महिला पुलिस अधिकारी से कथित मारपीट के सिलसिले में गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी की जमानत अर्जी पर अपना आदेश शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
अदालत ने मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी कर ली थी, आज उसका फैसला आना था। अंगसुमन बोरा ने कहा था कि अभियोजन पक्ष ने स्थगन आदेश प्राप्त करने का प्रयास किया लेकिन अदालत ने इससे इनकार कर दिया और उसे बृहस्पतिवार को ही दलीलें रखने को कहा। इस बीच, मेवानी का समर्थन कर रही कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असम यात्रा के दौरान राज्य भर में प्रदर्शन किये थे। महिला पुलिस अधिकारी से मारपीट के मामले में मेवानी को मंगलवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।A local court of Barpeta district of Assam grants bail to Jignesh Mevani in case of alleged assault on a policewoman. He is expected to be released on April 30 owing to some formalities: Anghsuman Bora, lawyer of Jignesh Mevani to ANI
— ANI (@ANI) April 29, 2022
(File photo) pic.twitter.com/EHxR1FwDMk
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जिग्नेश मेवानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट से संबंधित एक मामले में एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद, असम पुलिस ने उन्हें अधिकारियों पर हमला करने के आरोप में फिर से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने बताया कि कांग्रेस समर्थित विधायक मेवानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले, दिन में कोकराझार की एक अदालत ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उनके ट्वीट से जुड़े मामले में उन्हें जमानत दे दी थी। गुजरात के विधायक के खिलाफ कोकराझार में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन्हें 19 अप्रैल को गुजरात के पालनपुर शहर से गिरफ्तार किया गया था।
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