Bihar: क्या अपनी कसम तोड़ देंगे जीतन राम मांझी? आखिर नीतीश कुमार से नाराजगी की वजह क्या है?

जीतन राम मांझी ने कहा कि राजनीति में वादे नहीं होते फिर भी मैंने नीतीश कुमार को समर्थन देने का संकल्प लिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले हमारे पास दो मंत्रालय थे लेकिन अब उसे हटा कर एक कर दिया गया है।
बिहार की राजनीति में हमेशा चर्चा में बनी रहती है। बिहार में महागठबंधन की सरकार है जिसका नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे हैं। हालांकि, समय-समय पर जीतन राम मांझी अपनी नाराजगी जताते रहे हैं। एक बार फिर से जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को लेकर नाराजगी जता दी है। दरअसल, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेकुलर के राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई थी। इस बैठक में जीतन राम मांझी के बेटे डॉ संतोष कुमार सुमन को निर्विरोध पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान जीतन राम मांझी ने अपना संबोधन भी दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने हमको बहुत सम्मान दिया है। लेकिन उन्होंने हमारे साथ थोड़ी कमी कर दी है।
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इसके साथ ही जीतन राम मांझी ने कहा कि राजनीति में वादे नहीं होते फिर भी मैंने नीतीश कुमार को समर्थन देने का संकल्प लिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले हमारे पास दो मंत्रालय थे लेकिन अब उसे हटा कर एक कर दिया गया है। हमने दोबारा नीतीश कुमार से अपनी मांग की है। लेकिन इस पर अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह स्थिति कभी उत्पन्न होगी। नीतीश कुमार ने मुझे बहुत सम्मान दिया है और उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री भी बनाया है. यदि कभी ऐसी स्थिति आती है (पार्टी और कार्यकर्ताओं को आगामी चुनाव के समय सम्मान नहीं मिल रहा है), तो हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं की राय है कि हम अपना वादा भी तोड़ सकते हैं।
जीतन राम मांझी की नाराजगी को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि कहीं वह 2024 चुनाव से पहले कोई बड़ा खेल ना कर दें। उन्होंने एक बार फिर से महागठबंधन में ऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग कर दी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस हो या माकपा महागठबंधन में समन्वय समिति की मांग सभी ने की है और यह बनाई जानी चाहिए।
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मांझी ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा बनाए जाने वाले आयोग में पार्टी के लोगों को जगह मिलनी चाहिए। उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि हमें महागठबंधन में उचित सीट मिले। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम 40 लोकसभा सीट और विधानसभा के 245 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम है। इससे पहले बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस घटनाक्रम के बाद राज्य में नए सियासी समीकरण बनने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
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