चुनावी हलचल के बीच CM नीतीश से मिले भाजपा के भूपेंद्र यादव

Bhupendra Yadav

भाजपा सूत्रों ने कहा, हम जदयू को एक फार्मूले जिसमें दोनों पार्टियों को बराबर हिस्सा मिले, पर सहमत करने के लिए प्रयासरत हैं । उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी भूपेंद्र से विधानसभा चुनाव में लोजपा के लिए एक निश्चित संख्या निर्धारित करने के बाद भाजपा और जदयू समान संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ें के लिए राजी करने के लिए राजी करने का आग्रह किया है।

पटना। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास जाकर मुलाकात की। भूपेंद की नीतीश से मुलाकात को आसन्न बिहार विधानसभा से जोडकर देखा जा रहा है। भाजपा सूत्रों ने बंद कमरे में हुई इस मुलाकात को हालांकि गोपनीय बताया है पर मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना होने के पूर्व भूपेंद्र ने संकेत दिया था कि चुनाव को लेकर राजग के सभी सहयोगियों के बीच सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। इससे पूर्व भूपेंद्र ने राजग के बिहार से एक अन्य घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान से पिछले शनिवार को दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की थी। ऐसा माना जा रहा है कि मुलाकात के दौरान भाजपा नेता ने लोजपा जो कि राज्य में राजग की सबसे छोटी सहयोगी पार्टी है, के प्रमुख को आश्वासन दिया होगा कि उनकी पार्टी को आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि लोजपा ने बिहार विधान परिषद में अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व करने की इच्छा भी व्यक्त की है, जहां उसके वर्तमान में केवल एक एमएलसी है। बिहार विधान परिषद जहां वर्तमान में कुल 12 सीटें रिक्त हैं, लोजपा के पूर्व में दो एमएलसी थे, हालांकि उनमें से एक पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस पिछले साल लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए थे। भाजपा सूत्रों ने कहा, हम जदयू को एक फार्मूले जिसमें दोनों पार्टियों को बराबर हिस्सा मिले, पर सहमत करने के लिए प्रयासरत हैं । उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी भूपेंद्र से विधानसभा चुनाव में लोजपा के लिए एक निश्चित संख्या निर्धारित करने के बाद भाजपा और जदयू समान संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ें के लिए राजी करने के लिए राजी करने का आग्रह किया है। 

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ऐसी चर्चा है कि जदयू के इस तरह के फार्मूले पर राजी होने में दिक्कत होगी क्योंकि उसे यह संदेह है कि अगर भाजपा उससे अधिक सीटें जीतती है तो वह अमित शाह द्वारा किए गए वादे से पलटते हुए स्वयं अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री होने पर जोर दे सकती है। हालांकि, भाजपा सूत्रों ने जोर देकर कहा कि विधानसभा चुनाव में समान हिस्सेदारी की मांग पिछले साल के लोकसभा चुनावों में किए गए बलिदान को देखते हुए की गयी है। भाजपा सूत्रों ने कहा, “हमने 2014 के चुनावों में 22 सीटें जीती थीं। लोजपा तब हमारे साथ थी और जदयू अपने बलबूते चुनाव लड़ रही थी। बहरहाल, जब हम 2019 में एक साथ लड़े थे, तो हम जदयू को 17 सीटें दी थी।

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