अलीगढ़ में भाजपा उम्मीदवार को करना पड़ रहा है सत्ता विरोधी लहर का सामना

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[email protected] । Apr 17 2019 5:41PM

भाजपा उम्मीदवार मुस्लिम मतदाताओं के एक हिस्से पर नजर गड़ाये हुये हैं, जबकि दोनों विपक्षी उम्मीदवार उनमें से एक के पक्ष में मुसलमानों के एकजुट होने की उम्मीद कर रहे हैं।

अलीगढ़। अलीगढ़ में यहां के वर्तमान भाजपा सांसद को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है, जो शहर में स्थित प्रतिष्ठित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुये विवाद के केंद्र में थे। इसके साथ ही यहां का व्यापारी वर्ग भी भाजपा से नाराज हैं। ताला उद्योग का हब माने जाने वाले अलीगढ़ का मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है। गुरुवार को होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सतीश गौतम का मुकाबला बहुजन समाज पार्टी से ‘‘महागठबंधन’’ उम्मीदवार अजीत बालियान और कांग्रेस के बिजेंद्र सिंह से है।

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भाजपा उम्मीदवार मुस्लिम मतदाताओं के एक हिस्से पर नजर गड़ाये हुये हैं, जबकि दोनों विपक्षी उम्मीदवार उनमें से एक के पक्ष में मुसलमानों के एकजुट होने की उम्मीद कर रहे हैं। यहां के एक व्यवसायी समीर मिश्रा ने कहा कि उन्हें गौतम की कट्टर सोच पसंद नहीं है। मिश्रा ने कहा कि मेरे जैसे लोगों ने उन्हें जनोन्मुख नीतियों को लाने के लिए चुना, विवादों को उकसाने के लिए नहीं, जैसा उन्होंने अलीगढ़ विश्वविद्यालय में किया था। मई 2018 में, गौतम ने पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना के चित्र को एएमयू छात्र संघ कार्यालय से हटाने की मांग की थी, जहां वह दशकों से लगा हुआ था, जिसका जोरदार हिंसक विरोध हुआ था।

लेकिन शहर के अन्य निवासियों का कहना है कि गौतम के पास ब्राह्मण मतदाताओं का मजबूत आधार है, जिनकी संख्या इस निर्वाचन क्षेत्र में लगभग पांच लाख हैं। अलीगढ़ में कुल 18.73 लाख मतदाता हैं, जिनमें ब्राह्मण, वैश्य और क्षत्रियों की संख्या लगभग सात लाख हैं। 3.50 लाख मुस्लिम मतदाता हैं, जबकि जाट, यादव और लोधी चार लाख हैं। लगभग 3.50 लाख मतदाता एससी/एसटी समुदायों के हैं। 2014 में, गौतम ने बसपा के अरविंद कुमार सिंह को दो लाख से अधिक मतों से हराकर सीट जीती थी। 

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नाम न बताने के शर्त पर भाजपा के एक सदस्य ने कहा कि लेकिन उस समय गौतम को मोदी लहर का लाभ मिला था। तब से हालात काफी बदल गए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कांग्रेस और महागठबंधन के लिए मुस्लिम मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में लुभाना एक चुनौती साबित हो सकता है। महागठबंधन के उम्मीदवार बालियान के पास एससी/एसटी मतदाताओं के अपने मजबूत आधार के कारण बेहतर मौका है, जो नया चेहरा होने के साथ ही एक जाट नेता हैं। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 18 अप्रैल को अलीगढ़ में मतदान होना है।

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