भाजपा ने नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों की टिप्पणियों को आधार बना कांग्रेस पर उठाया सवाल

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भाजपा ने पंजाब की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के दो सलाहकारों द्वारा की गई विवादित टिप्पणियों के लिए विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और उसके नेता राहुल गांधी से मामले पर जवाब देने की मांग की।

नयी दिल्ली। भाजपा ने पंजाब की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के दो सलाहकारों द्वारा की गई विवादित टिप्पणियों के लिए विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और उसके नेता राहुल गांधी से मामले पर जवाब देने की मांग की। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भी ट्विटर पर सिद्धू द्वारा नवंबर 2019 में दिए बयान को पोस्ट किया जिसमें वह करतारपुर साहिब गलियारे के उद्घाटन समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की प्रशंसा करते हुए दिख रहे हैं और सवाल किया कि क्या उनके सलाहकारों को इन टिप्पणियों से प्रेरणा मिली है।

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उल्लेखनीय है कि सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली ने कथित तौर पर दावा किया है कि ‘‘ कश्मीर, कश्मीरी लोगों का देश है’’ जबकि एक अन्य सलाहकार प्यारे लाल गर्ग ने पाकिस्तान की आलोचना करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की निंदा की है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘यह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सिद्धू के सलाहाकरों की पाकिस्तान और कश्मीर पर विचार हैं। प्यारे लाल गर्ग कहते हैं, ‘ पाकिस्तान की आलोचना पंजाब के हित में नहीं है।’’

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जबकि मालविंदर माली कहते हैं, ‘‘ कश्मीर अलग देश है और भारत गैरकानूनी कब्जेदार है।’ राहुल गांधी के पास कोई जवाब है? शर्मनाक।’’ पुरी ने कहा, ‘‘ आश्चर्य है, अगर माननीय सिद्धू के सलाहकार जिन्होंने कश्मीर पर चौंकाने वाला बयान दिया है, नौ नंवबर 2019 को श्री करतारपुर साहिब गलियारे के उद्घाटन के मौके पर दिए ‘झप्पी-पप्पी’ बयान से प्रेरणा ली है जिसमें मिस्टर सिद्धू ने अपने मित्र प्रधानमंत्री इमरान खान के गुणों की प्रशंसा की थी।’’ सिद्धू के सलाहकारों की विवादित टिप्पणियों का कांग्रेस के भीतर ही विरोध शुरू हो गया है। सिंह और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दोनों की उनकी टिप्पणियों के लिए निंदा की है। भाजपा ने सिद्धू के उस ट्वीट को भी हाथोहाथ लिया हैं जिसमें उन्होंने भाजपा शासित हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुकाबले पंजाब में गन्ने का राज्य द्वारा आश्वस्त मूल्य (एसएपी)‘बहुत कम’ होने की बात कही है।

सिद्धू ने कहा, ‘‘ गन्ना किसानों के मुद्दे को तत्काल और सर्वमान्य तरीके से हल करने की जरूरत है...आश्चर्य है कि पंजाब में खेती की उच्च लागत होने के बावजूद राज्य आश्वासित मूल्य (एसएपी) हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से कम है। कृषि का अगुआ होने के नाते पंजाब में एसएपी बेहतर होनी चाहिए।’’ भाजपा के अमित मालवीय ने कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि सिद्धू भी स्वीकार करते हैं कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड की भाजपा शासित सरकारें किसानों के लिए कांग्रेस शासित पंजाब के मुकाबले बहुत अधिक काम कर रही हैं।

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