मायावती की परिवारवादी राजनीति का चेहरा हुआ बेनकाब: भाजपा

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[email protected] । Jun 24 2019 8:06PM

बसपा सुप्रीमो मायावती कहा कि भाजपा ने बसपा-सपा गठबंधन को लेकर पहले ही कहा था कि यह अवसर परस्त महज चुनावी गठबंधन है।

लखनऊ। भाजपा ने सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि मायावती के व्यक्तिवादी एवं परिवारवादी राजनीति का चेहरा बेनकाब हो चुका है। भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि मायावती के व्यक्तिवाद और परिवारवादी राजनीति का चेहरा बेनकाब हो चुका है। वंशवाद, परिवारवाद, जातिवाद एवं व्यक्तिवाद की राजनीति को जनता खारिज कर चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बसपा-सपा गठबंधन को लेकर पहले ही कहा था कि यह अवसर परस्त महज चुनावी गठबंधन है। मायावती ने दलितों के नाम पर वोट लेकर दलितों को ही हाशिये पर रखा। वो अपने परिवार के सिवा और किसी की कैसे हो सकती हैं? बहनजी का इतिहास विश्वासघात का रहा है। 

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श्रीवास्तव ने कहा कि भ्रष्टाचार एवं भाई-भतीजावाद को समाजवाद कहने वाले अखिलेश यादव को स्वार्थपरकता और अवसरवादी राजनीति के लिये मायावती से हाथ मिलाने से पहले सौ बार सोचना चाहिए था कि जिस भाजपा ने मायावती की जान तथा सम्मान को बचाया, जिसे राजनीति में स्थापित करते हुए मुख्यमंत्री बनाया, जब वो उसकी नहीं हुईं तो कुनबे की राजनीति करने वाले सपा की कैसे होंगी। 

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प्रवक्ता ने कहा कि जैसी करनी होती है, वैसी ही भरनी होती है। सत्ता के लिये अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल को धोखा दिया था और इसकी सजा उन्हें मायावती से विश्वासघात पाकर से मिली। उन्होंने कहा कि मायावती और अखिलेश की कार्यशैली एक है। दोनों को परिवारवाद, वंशवाद और भ्रष्टाचार की सत्ता चाहिए, इसलिए इन दोनों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप हास्यास्प्रद है। श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा यह कहती रही है कि लोकसभा चुनाव परिणाम के तुरंत बाद मायावती गठबंधन तोड़ देंगी और ऐसा हुआ भी।

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