उप्र चुनाव में भाजपा ने सुरक्षा , मुफ्त अनाज को मुद्दा बनाया, बेरोजगारी पर उठे सवाल

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एक चाय की दुकान पर बैठे रमेश कनौजिया कहते हैं, मुफ्त राशन जल्द ही बंद हो जाएगा। हम अपना खाना पाने के लिए कमाना चाहते हैं। अखिलेश यादव पर भी विचार किया जाना चाहिए। वहीं एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, सरकार को सभी अपराधियों को एक समान नज़र से देखना चाहिए।

 प्रयागराज| उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के आगे बढ़ने के साथ मतदाताओं के बीच कुछ चीजों को लेकर चर्चा आम है, जैसे सुरक्षा, सकुन और मुफ्त राशन। वहीं सत्तारूढ़ दल के नेताओं को बेरोजगारी और गुंडों के खिलाफ कार्रवाई में भेदभाव करने के आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है।

शहर पश्चिम में ई रिक्शा चलाने वाले 50 वर्षीय अनिल सोनकर का कहना है कि उसने सोचा था कि उसके बेटे को उससे बेहतर काम मिलेगा, भले ही वह स्नातक है, लेकिन अच्छी नौकरी मिलना मुश्किल है।

हालांकि उसने गैंगस्टर अतीक अहमद के गिराए गए कार्यालय की ओर इशारा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चीजें सुरक्षित की हैं और “अब मैं गुंडों का सामना किए बिना रिक्शा चला सकता हूं। ”

सोनकर ने कहा कि पिछले तीन दशक में पहली बार ना ही अतीक अहमद और ना उसके परिवार का कोई सदस्य इस बार चुनाव लड़ रहा है। शहर उत्तर में सड़क किनारे कपड़े बेचने वाले विनोद कुमार केसरवानी की सोच भी कुछ इसी तरह की है। पिछले कुछ समय से काम मंदा चलने के बावजूद उसका राजनीतिक जुड़ाव प्रभावित नहीं हुआ है।

उसका कहना है,“क्या समाजवादी पार्टी अर्थव्यवस्था को सुधारेगी। अब सुकून है, भाजपा को और एक मौका मिलना चाहिए।” एक चाय की दुकान पर बैठे रमेश कनौजिया कहते हैं, मुफ्त राशन जल्द ही बंद हो जाएगा। हम अपना खाना पाने के लिए कमाना चाहते हैं। अखिलेश यादव पर भी विचार किया जाना चाहिए। वहीं एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, सरकार को सभी अपराधियों को एक समान नज़र से देखना चाहिए।

इस सरकार ने ऐसा नहीं किया। दूसरी ओर, अपने अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी बेरोजगारी, ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशु की समस्या जैसे मुद्दों को लेकर भाजपा के खिलाफ हवा बनाने में लगी है और सत्तारूढ़ पार्टी से मुकाबला करने के लिए उसने जातिगत समीकरण बनाने के लिए विभिन्न समुदायों के लोगों को टिकट दिया है।

इनमें से कई मुद्दे विभिन्न वर्गों के लिए निश्चित तौर पर काफी मायने रखते हैं, लेकिन भाजपा विकास, कानून व्यवस्था और कल्याणकारी योजनाओं को अपने प्रचार के केंद्र में रखकर चल रही है और राष्ट्रवाद एवं हिंदुत्व का संदेश जाति से परे होकर सभी वर्गों के बीच जा रहा है। कुछ मतदाता पूछते हैं कि सनातन धर्म के लिए किस पार्टी ने काम किया? विपक्षी दल प्रतिनिधित्व और रोजगार के मुद्दों को उठाकर विभिन्न समुदायों तक पहुंचकर सत्तारूढ़ दल को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष योगेश चंद्र यादव ने कहा कि प्रयागराज की कुल 12 विधानसभा सीटों में उनकी पार्टी ने ब्राह्मण, ठाकुर, कुर्मी, बिंद और अनुसूचित जाति के समुदायों के अलावा दो-दो यादवों और मुसलमानों को मैदान में उतारा है।

वह आदित्यनाथ के खिलाफ पूर्वांचल में ब्राह्मणों के एक वर्ग में कथित असंतोष का भी हवाला देते हैं और दावा करते हैं इससे उनकी पार्टी को फायदा होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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