बंबई HC का निर्देश, महाराष्ट्र में अदालतों में एक दिसंबर से सामान्य कामकाज होगा बहाल

Bombay HC

उच्च न्यायालय हर दूसरे दिन व्यक्तिगत तौर पर एक महीने तक ‘प्रायोगिक रूप में’ सुनवाई करेगा। अदालतों के न्यायाधीश और कर्मचारी अपनी पूरी क्षमता संख्या के साथ सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजकर 30 मिनट तक और दोपहर दो बजे से शाम चार बजकर तीस मिनट तक काम करेंगे।

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में पुणे को छोड़कर बाकी अन्य स्थानों पर एक दिसंबर से दो पालियों में उसके साथ साथ जिला सत्र एवं मजिस्ट्रेट अदालतों में कामकाज सामान्य रूप से बहाल हो जाएगा। उच्च न्यायालय हर दूसरे दिन व्यक्तिगत तौर पर एक महीने तक ‘प्रायोगिक रूप में’ सुनवाई करेगा। उच्च न्यायालय के महापंजीयक एस जी दिगे ने बताया कि सभी अधीनस्थ अदालतों के न्यायाधीश और कर्मचारी अपनी पूरी क्षमता संख्या के साथ सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजकर 30 मिनट तक और दोपहर दो बजे से शाम चार बजकर तीस मिनट तक काम करेंगे। 

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उच्च न्यायालय की ओर से जारी एक अन्य नोटिस में बताया गया कि खंड पीठों और एकल पीठों के दो समूह एक एक दिन के अंतराल में दिन में चार घंटे के लिए जमा होंगे और व्यक्तिगत तौर पर सुनवाई करेंगे। फिलहाल अभी उच्च न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई हो रही है। नोटिस में बताया गया कि मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व्यक्तिगत तौर पर ऑनलाइन माध्यम से मामलों की सुनवाई करेंगे। नोटिस में बताया गया कि पुणे न्यायिक जिले की अदालतों को छोड़कर बाकी सभी अदालतों में एक दिसंबर से दो पालियों में सामान्य रूप से कामकाज शुरू होगा। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और प्रशासनिक कमेटी के अन्य न्यायाधीशों द्वारा राज्य में कोविड-19 की स्थिति को नजर में रखते हुए यह निर्णय लिया गया। वहीं इसमें यह भी कहा गया कि अगर महामारी की स्थिति बिगड़ती है तो जिला प्रधान न्यायाधीश इस संबंध में उच्च न्यायालय से दिशानिर्देश ले सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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