Faridabad में किराए के मकान से मिला बारूद का जखीरा, जम्मू-कश्मीर का डॉक्टर गिरफ्तार, आतंक की साजिश नाकाम

Faridabad explosives recovery
ANI

देखा जाये तो फरीदाबाद में हुई यह बरामदगी इस बात का संकेत है कि आतंक का नेटवर्क केवल सीमित भौगोलिक दायरे तक नहीं रहा, बल्कि वह राज्य सीमाओं को लांघकर अब शैक्षणिक और नागरिक क्षेत्रों तक अपनी जड़ें फैलाने की कोशिश कर रहा है।

दिल्ली से सटे फरीदाबाद में एक बड़े सुरक्षा अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने धौज गांव में एक किराए के मकान से लगभग 350 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ बरामद किया है। इसके साथ ही एक एके-47 राइफल, एक पिस्तौल, तीन मैगजीन, 20 टाइमर, एक वॉकी-टॉकी सेट और बड़ी मात्रा में गोला बारूद भी जब्त किया गया है। पुलिस के अनुसार, इस कार्रवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के रहने वाले एक डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है। बरामद किये गये अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग प्रायः आईईडी बनाने में किया जाता है। फरीदाबाद पुलिस आयुक्त सतेन्दर कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस मामले में डॉ. मुज़म्मिल नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो यहां की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में शिक्षक था। उन्होंने कहा, “यह हरियाणा पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन है। डॉ. मुज़म्मिल को गिरफ्तार किया गया है। कल लगभग 360 किलोग्राम ज्वलनशील पदार्थ बरामद हुआ है, जो संभवतः अमोनियम नाइट्रेट है। यह आरडीएक्स नहीं है।” 

देखा जाये तो फरीदाबाद में हुई यह बरामदगी इस बात का संकेत है कि आतंक का नेटवर्क केवल सीमित भौगोलिक दायरे तक नहीं रहा, बल्कि वह राज्य सीमाओं को लांघकर अब शैक्षणिक और नागरिक क्षेत्रों तक अपनी जड़ें फैलाने की कोशिश कर रहा है। एक डॉक्टर, जो विश्वविद्यालय में पढ़ाता था, यदि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियारों से जुड़ा पाया जाता है, तो यह न केवल सुरक्षा तंत्र के लिए चेतावनी है, बल्कि समाज में कट्टरपंथ के भीतर छिपी बौद्धिक घुसपैठ का भी उदाहरण है। जब 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, टाइमर, रिमोट और वायरिंग जैसी सामग्री बरामद होती है, तो यह सिर्फ "संभावित खतरा" नहीं, बल्कि आगामी आतंकी हमले की तैयारी का स्पष्ट संकेत भी हो सकता है।

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यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि आतंकवाद का चेहरा अब केवल सीमाओं के पार नहीं, बल्कि हमारे अपने समाज के भीतर भी छिपा हो सकता है। ऐसे में संवेदनशील सतर्कता, राज्यों के बीच समन्वय, और खुफिया नेटवर्क की मजबूती ही आने वाले समय में भारत की सबसे बड़ी ढाल होगी।

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