कैग ने अपनी रिपोर्ट में जलयुक्त शिवार योजना को अपने उद्देश्यों को पूरा करने में विफल बताया

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सीएजी की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। विधानसभा में पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र को सूखा मुक्त राज्य बनाने के लिये देवेन्द्र फडणवीस सरकार (2014-2019) के दौरान शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 9633.75 करोड़ रुपये खर्च किये गए।

मुंबई। महाराष्ट्र में पूर्ववर्ती भाजपा नीत सरकार द्वारा शुरू की गई जलयुक्त शिवार योजना का जल की गुणवत्ता और भूजल स्तर को बढ़ाने में बेहद कम प्रभाव पड़ा है और इस योजना को लागू करने में पारदर्शिता के अभाव भी पाया गया है। मंगलवार को सीएजी की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। विधानसभा में पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र को सूखा मुक्त राज्य बनाने के लिये देवेन्द्र फडणवीस सरकार (2014-2019) के दौरान शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 9633.75 करोड़ रुपये खर्च किये गए। अब बंद की जा चुकी इस योजना में झरनों को गहरा और चौड़ा किया जाना, बांध बनाया जाना और नालों पर काम शुरू करना और खेतों में तालाबों की खुदाई का काम किया जाना था। 

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रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना के तहत किये गए कार्यों में पारदर्शिता का अभाव रहा। साथ ही इसकी न तो पर्याप्त निगरानी की गई और न ही इसके तहत किये गए कार्यों का तीसरे पक्ष से मूल्यांकन कराया गया। सीएजी ने जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 के बीच इस योजना का ऑडिट किया और जून 2020 में रिपोर्ट सौंपी गई।

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