जाति जनगणना के फैसले ने असली इरादों और खोखली नारेबाजी के बीच अंतर को उजागर किया: प्रधान

कांग्रेस सहित विपक्षी दल देश भर में जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं और इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया गया है। बिहार, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे कुछ राज्य पहले ही ऐसे सर्वेक्षण कर चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगली जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के सरकार के फैसले ने ‘‘असली इरादों और खोखली नारेबाजी’’ के बीच के अंतर को उजागर किया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान ने इस कदम को ‘‘पासा पलटने वाला फैसला’’ बताया जिसका कई विपक्षी दलों ने स्वागत किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण फैसले ने हमारे असली इरादों और विपक्ष की खोखली नारेबाजी के बीच के अंतर को उजार किया है। हालांकि अधिकतर विपक्षी दलों ने इसका स्वागत किया है।’’
सरकार ने एक बड़े फैसले में बुधवार को घोषणा की कि आगामी जनगणना में जाति गणना को ‘‘पारदर्शी’’ तरीके से शामिल किया जाएगा। सरकार ने यह घोषणा करते हुए जाति सर्वेक्षणों को ‘‘राजनीतिक उपकरण’’ के रूप में इस्तेमाल करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की।
कांग्रेस सहित विपक्षी दल देश भर में जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं और इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया गया है। बिहार, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे कुछ राज्य पहले ही ऐसे सर्वेक्षण कर चुके हैं।
अन्य न्यूज़












