चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने शिवराज मंत्रिमंडल को बताया गैर संवैधानिक, राज्यपाल को लिखा पत्र

चौधरी राकेश सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि जब प्रदेश विधानसभा में निर्वाचित विधानसभा सदस्यों की संख्या 206 है तो इसका 15 प्रतिशत 31 होता यानि वर्तमान में शिवराज मंत्रिमंडल में सिर्फ 31 मंत्री ही शपथ ले सकते थे, लेकिन मुख्यमंत्री को मिलाकर वर्तमान में मंत्रिमंडल में 34 मंत्री है। जिसमें से तीन मंत्रियों को गैर संवैधानिक तरीके से राज्यपाल सचिवालय द्वारा शपथ दिलाई गई।
भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सवाल उठने लगे है। गुरूवार 02 जुलाई को 12 सिंधिया समर्थकों सहित 28 मंत्रियों को अपनी कैबिनेट में शामिल किया था। जिन्हें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शपथ दिलवाई थी। वही अब मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों की संख्या को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप-नेता प्रतिपक्ष चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने सवाल खडे किए है। चौधरी राकेश सिंह ने शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों की संख्या को लेकर राज्यपाल को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होनें भाजपा की शिवराज सरकार में शामिल मंत्रियों की संख्या को गैर संवैधानिक बताया है।
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चौधरी राकेश सिंह ने राज्यपाल को लिखे पत्र में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 (1ए) का हवाला देते हुए शिवराज मंत्रिमंडल को तत्काल प्रभाव से गैर संवैधानिक घोषित करने की मांग की है। भारत के 91वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 के लागू होने के बाद अनुक्षेद 164 (1ए) के अनुसार विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या के पन्द्रह प्रतिशत मुख्यमंत्री को मिलाकर मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या होगी। लेकिन मध्य प्रदेश में विधानसभा सदस्यों की संख्या 230 है लेकिन 24 स्थान रिक्त होने के चलते यह संख्या 206 है। जिसके चलते ही भाजपा ने सदन में अपना बहुमत साबित किया है। चौधरी राकेश सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि जब प्रदेश विधानसभा में निर्वाचित विधानसभा सदस्यों की संख्या 206 है तो इसका 15 प्रतिशत 31 होता यानि वर्तमान में शिवराज मंत्रिमंडल में सिर्फ 31 मंत्री ही शपथ ले सकते थे, लेकिन मुख्यमंत्री को मिलाकर वर्तमान में मंत्रिमंडल में 34 मंत्री है। जिसमें से तीन मंत्रियों को गैर संवैधानिक तरीके से राज्यपाल सचिवालय द्वारा शपथ दिलाई गई। उन्होनें राज्यपाल महोदया से अनुरोध किया कि भारत के महामहिम राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में आप राज्य में संविधान की संरक्षक है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय एवं उनके सचिवालय के अधिकारियों द्वारा संविधान के अनुक्षेद 164 (1ए) का ज्ञान-वश उलंघन किया गया है।
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उन्होनें राज्यपाल से अनुरोध करते हुए शिवराज मंत्रिमंडल तो तत्काल प्रभाव से गैर संवैधानिक घोषित करने का अग्रह किया है। इसके पहले कांग्रेस नेता और राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने आरोप लगाया था कि शिवराज सिंह चौहान ने फिर से कानून का उल्लंघन किया है। पहले तो उन्होंने बिना कैबिनेट के सरकार चलाई और जब राष्ट्रपति से शिकायत की तो 5 मंत्री बनाए जो 12 से कम थे। उन्होंने कहा कि विधायकों की प्रभावी संख्या 206 के 15% से ज्यादा मंत्री बनाकर कानून को तोड़ा है और कांग्रेस इस गैरकानूनी मंत्रिमंडल के खिलाफ कोर्ट जाएगी। हालांकि, बीजेपी ने कांग्रेस के आरोप को खारिज किया है। मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने बताया है कि मंत्रियों की संख्या को लेकर कांग्रेस के आरोप में कोई संवैधानिक दम नहीं है, क्योंकि भारत के संविधान के 91वें संशोधन 2003 के अनुसार सदन की कुल संख्या के 15% मंत्री बनाए जा सकते हैं। सदन की वर्तमान सदस्य संख्या का उससे कोई लेना देना नहीं है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा में सदन की कुल संख्या 230 है और इसके 15% के हिसाब से मध्य प्रदेश में कैबिनेट सदस्यों की संख्या 34 तक हो सकती है और फिलहाल शिवराज कैबिनेट में मुख्यमंत्री को मिलाकर मंत्रियों की यही संख्या है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 (1ए) का @ChouhanShivraj द्वारा उल्लंघन किए जाने पर राज्यपाल महोदया @GovernorMP को पत्र लिख उनसे अनुरोध किया कि संविधान की पवित्रता क़ायम रखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्री परिषद को तत्काल प्रभाव से ग़ैर संवैधानिक घोषित किया जाए। pic.twitter.com/lHvQ7FjS9Y
— Chaudhary Rakesh Singh Chaturvedi (@ChRakeshSingh) July 6, 2020
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