उमर-महबूबा पर लगा PSA तो भड़के चिदंबरम, बताया लोकतंत्र का सबसे घटिया कदम
उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की छह महीने की एहतियातन हिरासत पूरी होने से महज कुछ घंटे पहले बृहस्पतिवार (छह फरवरी) को उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किए जाने की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि बिना किसी आरोप के कार्रवाई करना लोकतंत्र में एक घटिया कदम है। उन्होंने ट्वीट किया, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य के खिलाफ पीएसए की क्रूर कार्रवाई से हैरान हूं। आरोपों के बिना किसी पर कार्रवाई लोकतंत्र में सबसे घटिया कदम है।
आरोपों के बिना कैद लोकतंत्र में सबसे घृणास्पद बात है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 7, 2020
जब अन्यायपूर्ण कानून पारित किए जाते हैं या अन्यायपूर्ण कानून लागू किए जाते हैं, तो लोगों के पास शांति से विरोध करने के अलावा और क्या विकल्प होता है?
चिदंबरम ने सवाल किया, जब अन्यायपूर्ण कानून पारित किए जाते हैं या अन्यायपूर्ण कानून लागू किए जाते हैं, तो लोगों के पास शांति से विरोध करने के अलावा क्या विकल्प होता है? दरअसल, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की छह महीने की एहतियातन हिरासत पूरी होने से महज कुछ घंटे पहले बृहस्पतिवार (छह फरवरी) को उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया। इससे पहले दिन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी पर भी पीएसए लगाया गया।
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