तेजस्वी पर बरसे चिराग: कहा- हमारा M-Y 'महिला-युवा' है, जाति की राजनीति बंद करें

Chirag
ANI
अंकित सिंह । Oct 1 2025 1:12PM

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने स्पष्ट किया कि उनकी राजनीति का आधार जातिगत समीकरण नहीं, बल्कि 'बिहारी पहचान' है। उन्होंने विपक्ष पर मुद्दों से विहीन होने और मतदाता सूची संशोधन को लेकर चुनाव आयोग पर अनावश्यक रूप से सवाल उठाने का आरोप लगाया, जबकि उनकी पार्टी बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट के विजन पर केंद्रित है। यह कथन बिहार की राजनीति में जातिगत धुर्वीकरण के बजाय पहचान आधारित समावेशी विकास के एजेंडे को स्थापित करने का प्रयास दर्शाता है।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के अनुसार, बिहार में विपक्ष विधानसभा चुनावों से पहले मुद्दों से विहीन हो गया है और वह अगले कुछ दशकों तक चुनावी रिकॉर्ड के विशेष, कठोर संशोधन का विरोध जारी रख सकता है। इसके साथ ही पासवान ने मंगलवार को कहा कि उनके लिए राजनीति का आधार जाति नहीं, बल्कि बिहारी पहचान है। एसआईआर के बाद अंतिम मतदाता सूची जारी करने के चुनाव आयोग के फैसले के बारे में पूछे जाने पर, जिसका राजद और कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता ने यह बयान दिया।

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चिराग ने कहा कि काफी समय से विपक्ष अपनी चुनावी असफलताओं का दोष ईवीएम पर मढ़ता रहा है। अब, अगले कुछ दशकों तक, वे एसआईआर में ही खामियाँ ढूँढ़ते रहेंगे। हाजीपुर के सांसद ने कहा कि बिहार और अन्य जगहों की तरह, मतदाता सूचियों में निश्चित रूप से सुधार की आवश्यकता है। पासवान के अनुसार, कई दिवंगत लोगों के नाम अभी भी मतदाताओं की सूची में शामिल हैं। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने कहा, "विपक्ष लगातार इन चिंताओं को हमारे साथ साझा कर रहा है। अब जबकि कई लाख नामों को हटा दिया गया है, ऐसा प्रतीत होता है कि विसंगतियाँ दूर हो गई हैं। विपक्ष को यह समझना चाहिए कि चुनाव आयोग, जिस पर वे लगातार हमला करते रहते हैं, वही वह प्राधिकरण है जहाँ वे अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जा सकते हैं।"

पासवान ने पटना में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं 14 करोड़ बिहारियों की बात करूंगा। बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट की बात करूंगा। मेरा दल जातिगत समीकरणों से ऊपर उठकर महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता देने वाली राजनीति में विश्वास करता है।’’ उन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लगातार जातिगत समीकरणों की बात करते हैं। पासवान ने कहा, ‘‘तेजस्वी यादव के दिमाग में ईबीसी, ओबीसी, दलित और अन्य जातियां हो सकती हैं, लेकिन हमारे लिए बिहार की जनता सिर्फ बिहारी है। जो नेता एम-वाई (मुस्लिम-यादव) का तमगा गर्व से पहनते हैं, वे हमेशा जाति आधारित राजनीति करते रहेंगे।’’ 

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केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी भी एम-वाई समीकरण को मानती है, लेकिन उसका अर्थ है ‘‘महिला और युवा’’। इसे उन्होंने पार्टी की नयी सोच और नयीपहचान बताया। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार की राजनीति में अब समय आ गया है कि महिलाओं और युवाओं की ताकत को केंद्र में रखा जाए, क्योंकि यही वर्ग आने वाले बिहार को नयी दिशा देगा। मेरी राजनीति का मकसद बिहार के प्रत्येक नागरिक को सम्मानपूर्वक राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल करना है। जनता की समस्याएं, विकास और युवाओं के लिए रोजगार मेरे एजेंडे के प्रमुख बिंदु रहेंगे।’’

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