जन सुराज के आरोपों पर Chirag Paswan का पलटवार, कहा-खोखले दावे हैं, तथ्य बताएं तो सरकार देगी जवाब

Chirag Paswan counterattack on the allegations of Jan Suraj
X
एकता । Nov 16 2025 1:51PM

चिराग पासवान ने जन सुराज के बिहार चुनाव में वित्तीय अनियमितता के आरोपों को 'खोखले' करार देते हुए ठोस तथ्य मांगे हैं। जन सुराज ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने वर्ल्ड बैंक के 14,000 करोड़ रुपये महिला वोटरों को बांटकर चुनावी नतीजे प्रभावित किए, जिससे सरकार का खजाना खाली हुआ। पासवान ने कहा है कि तथ्य बताने पर सरकार जवाब देगी।

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद, जन सुराज पार्टी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कड़ा जवाब दिया है। जन सुराज ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने चुनाव से ठीक पहले महिलाओं को 10,000 रुपये देने के लिए वर्ल्ड बैंक के विकास फंड में 14,000 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की।

पासवान ने मांगे 'ठोस तथ्य'

चिराग पासवान ने जन सुराज के आरोपों को खोखला बताते हुए पार्टी से सबूत पेश करने को कहा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'उन्हें यह डेटा, यह जानकारी कहां से मिलती है? खोखले दावे कर रहे हैं, अगर आपके पास कोई तथ्य हैं, तो बताएं और सरकार जवाब देगी।'

इसे भी पढ़ें: वर्ल्ड बैंक के ₹14,000 करोड़ से खरीदे वोट? प्रशांत किशोर की पार्टी का बड़ा आरोप, जांच की मांग की

जन सुराज का ने क्या आरोप लगाए?

प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने दावा किया था कि बिहार सरकार ने वर्ल्ड बैंक से मिले 14,000 करोड़ रुपये के विकास फंड को डाइवर्ट करके 1.25 करोड़ महिला वोटरों के खातों में ट्रांसफर किया।

पार्टी का आरोप है कि इस कदम से चुनाव में वोट खरीदे गए और एनडीए की जीत सुनिश्चित हुई। जन सुराज इसे 'सार्वजनिक धन का दुरुपयोग' और 'चुनाव परिणाम प्रभावित करने का प्रयास' बताते हुए उच्च-स्तरीय जांच की मांग कर रही है।

जन सुराज के प्रवक्ता पवन वर्मा ने आरोप दोहराते हुए दावा किया था कि इस फंड ट्रांसफर से राज्य का खजाना खाली हो गया है। पवन वर्मा ने कहा था कि चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से सिर्फ एक घंटे पहले, 14,000 करोड़ रुपये निकालकर राज्य की 1.25 करोड़ महिलाओं में बांट दिए गए, अगर यह सच है, तो सवाल उठता है कि यह कितना नैतिक है।

इसे भी पढ़ें: Bihar नतीजों पर गरमाई सियासत, Chidambaram ने वोटरों पर फोड़ा ठीकरा, BJP का पलटवार

वर्मा ने यह भी बताया कि बिहार पर सरकारी कर्ज 4.06 लाख करोड़ है, जिस पर रोज़ाना 63 करोड़ रुपये का ब्याज देना पड़ रहा है, और अब सार्वजनिक कल्याण पर खर्च करने के लिए मुश्किल से ही कोई पैसा बचा है।

All the updates here:

अन्य न्यूज़