वर्ल्ड बैंक के ₹14,000 करोड़ से खरीदे वोट? प्रशांत किशोर की पार्टी का बड़ा आरोप, जांच की मांग की

Jan Suraaj
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एकता । Nov 16 2025 12:41PM

जन सुराज ने बिहार चुनाव परिणामों पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि वर्ल्ड बैंक के ₹14,000 करोड़ के विकास फंड को महिलाओं के खाते में ट्रांसफर कर वोट खरीदे गए। इस वित्तीय कुप्रबंधन ने कथित तौर पर एनडीए की बड़ी जीत सुनिश्चित की और राज्य के खजाने को खाली कर दिया, जिसकी उच्च-स्तरीय जांच की मांग की जा रही है।

चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। पार्टी ने दावा किया है कि राज्य सरकार ने चुनाव से ठीक पहले वर्ल्ड बैंक द्वारा विकास परियोजनाओं के लिए दिए गए 14,000 करोड़ रुपये के फंड को डाइवर्ट करके महिलाओं के खाते में ट्रांसफर किया, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुए।

जन सुराज ने इस कार्रवाई को सार्वजनिक धन का साफ गलत इस्तेमाल और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की गलत कोशिश बताते हुए इसकी उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है।

चुनावी नतीजों को प्रभावित करने का दावा

जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि इस चुनाव का जनादेश खरीदा गया है। उन्होंने कहा, '21 जून से लेकर वोटिंग के दिन तक, इस मैंडेट (जनादेश) को पक्का करने के लिए करीब 40,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए। पब्लिक के पैसे का इस्तेमाल करके, उन्होंने असल में लोगों के वोट खरीदे। मुझे यह भी पता चला है कि वर्ल्ड बैंक से मिले फंड का इस्तेमाल इन कैश ट्रांसफर के लिए किया गया था।'

कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 1.25 करोड़ महिला वोटर्स के अकाउंट में 10,000 रुपये ट्रांसफर करने के नीतीश कुमार सरकार के कदम ने एनडीए की शानदार वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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राज्य का खजाना खाली हो गया

जन सुराज के प्रवक्ता पवन वर्मा ने आरोप दोहराते हुए दावा किया कि सरकार के इस कदम से राज्य का खजाना अब खाली हो गया है। वर्मा ने कहा, 'चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से सिर्फ एक घंटे पहले, 14,000 करोड़ रुपये निकालकर राज्य की 1.25 करोड़ महिलाओं में बांट दिए गए... अगर यह सच है, तो सवाल उठता है कि यह कितना नैतिक है।'

वर्मा ने यह भी बताया कि बिहार पर सरकारी कर्ज 4.06 लाख करोड़ रुपये है, जिस पर रोजाना 63 करोड़ रुपये का ब्याज देना पड़ रहा है, और इस कारण सार्वजनिक कल्याण पर खर्च करने के लिए मुश्किल से ही कोई पैसा बचा है।

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बिहार में एनडीए की बड़ी जीत

हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 202 सीटों के साथ जबरदस्त जीत हासिल की। भाजपा 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि जदयू को 85 सीटें मिलीं। इसके विपरीत, प्रशांत किशोर की नवगठित जन सुराज पार्टी को बड़ा झटका लगा, जो 238 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद एक भी सीट नहीं जीत पाई। राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन को भी करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसमें राजद सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गई।

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