नागरिकता विधेयक संविधान के मूलभूत सिद्धांत को करता है कमतर: थरूर

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[email protected] । Dec 4 2019 4:15PM

शशि थरूर ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि विधेयक असंवैधानिक है क्योंकि विधेयक में भारत के मूलभूत विचार का उल्लंघन किया गया है। वो लोग जो यह मानते हैं कि धर्म के आधार पर राष्ट्र का निर्धारण होना चाहिए...इसी विचार के आधार पर पाकिस्तान का गठन हुआ।

नयी दिल्ली। नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि इससे संविधान का मूलभूत सिद्धान्त कमतर होता है।इससे पहले केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने उस विधेयक को मंजूरी दी जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न झेलने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

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थरूर ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि विधेयक असंवैधानिक है क्योंकि विधेयक में भारत के मूलभूत विचार का उल्लंघन किया गया है। वो लोग जो यह मानते हैं कि धर्म के आधार पर राष्ट्र का निर्धारण होना चाहिए...इसी विचार के आधार पर पाकिस्तान का गठन हुआ। हमने सदैव यह तर्क दिया है कि राष्ट्र का हमारा वह विचार है जो महात्मा गांधी, नेहरूजी, मौलाना आजाद, डा. आंबेडकर ने कहा कि धर्म से राष्ट्र का निर्धारण नहीं हो सकता।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमारा वह देश है जहां धर्म पर विचार किए बिना प्रत्येक को इस देश में समान अधिकार हैं और संविधान में यह परिलक्षित होता है। आज यह विधेयक संविधान के इस मूलभूत सिद्धान्त को कमतर करता है।’’

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