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पीएम मोदी बोले- जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती, आपदा को सहने वाला आधारभूत ढांचा समय की मांग
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 23, 2021 15:04
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से जूझ रही है।ऐसे में भारत ने दुनिया का ध्यान आपदा प्रबंधन के मुद्दे पर दिलाया है।आपने देखा कि हाल ही में उत्तराखंड में क्या हुआ। हमें आपदा सहने में सक्षम आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए जो प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों को बर्दाश्त कर सके।’’
खड़गपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन और इसके कारण उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं ने दुनिया के समक्ष बड़ी चुनौती उत्पन्न की है, ऐसे में आईआईटी को आपदा के प्रभावों का सामना करनेमें सक्षम आधारभूत ढांचा विकसित करने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे समय मे जब दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से जूझ रही है, भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) का सुरक्षित एवं वहनीय पर्यावरण अनुकूल विचार दुनिया के सामने रखा और इसे मूर्त रूप दिया।
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आईआईटी खड़गपुर के 66वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने आपदा सहने में सक्षम आधारभूत ढांचे पर वैश्विक गठबंधन (सीडीआरआई) का जिक्र किया जिसकी घोषणा वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्यवाही शिखर सम्मेलन में किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से जूझ रही है। ऐसे में भारत ने दुनिया का ध्यान आपदा प्रबंधन के मुद्दे पर दिलाया है। आपने देखा कि हाल ही में उत्तराखंड में क्या हुआ। हमें आपदा सहने में सक्षम आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए जो प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों को बर्दाश्त कर सके। ’’ उन्होंने कोविड-19 से मुकाबले के लिये आईआईटी द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी और उसकी भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्थानों को अब स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी समस्याओं का भविष्योन्मुखी समाधान तलाशने के लिये तेजी से काम करना चाहिए।
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प्रधानमंत्री मोदी ने आईआईटी खड़गपुर के दीक्षांत समारोह में छात्रों से कहा, ‘‘ आप भारत के 130 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। ’’ उन्होंने कहा कि आपने जो सोचा है, आप जिस नवाचार पर काम कर रहे हैं, संभव है उसमें आपको पूरी सफलता ना मिले, लेकिन आपकी उस असफलता को भी सफलता ही माना जाएगा, क्योंकि आप उससे भी कुछ सीखेंगे। मोदी ने कहा, ‘‘ 21वीं सदी के भारत की स्थिति भी बदल गई है, ज़रूरतें भी बदल गई हैं और आकांक्षाएं भी बदल गई हैं। अब आईआईटी को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ही नहीं बल्कि स्थानीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के रूप में अगले स्तर पर ले जाने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि भारत को ऐसी प्रौद्योगिकी चाहिए जो पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाए, टिकाऊ हो और लोग ज्यादा आसानी से उसका इस्तेमाल कर पाएं। उन्होंने कहा कि सरकार ने नक्शे और भूस्थानिक आंकड़ों को नियंत्रण से मुक्त कर दिया है।
इस कदम से प्रौद्योगिकी स्टार्टअप पारिस्थितिकी को बहुत मजबूती मिलेगी। मोदी ने कहा, ‘‘ इस कदम से आत्मनिर्भर भारत का अभियान भी और तेज होगा। इस कदम से देश के युवा स्टार्टअप और नवोन्मेषकर्ताओं को नई आजादी मिलेगी।’’ उन्होंने छात्रों से कहा कि जीवन के जिस मार्ग पर अब आप आगे बढ़ रहे हैं, उसमें निश्चित तौर पर आपके सामने कई सवाल भी आएंगे। ये रास्ता सही है, गलत है, नुकसान तो नहीं हो जाएगा, समय बर्बाद तो नहीं हो जाएगा? प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे बहुत से सवाल आएंगे। इन सवालों का उत्तर ‘तीन आत्म (सेल्फ थ्री) में हैं। ये हैं- आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और नि:स्वार्थ भाव। आप अपने सामर्थ्य को पहचानकर आगे बढ़ें, पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़ें, निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि आप सभी विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के जिस मार्ग पर चले हैं, वहां जल्दबाज़ी के लिए कोई स्थान नहीं है।
देश में कोरोना के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि, 16,752 नए मामले दर्ज, 113 मरीजों की मौत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 28, 2021 11:01
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आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 1,64,511 पहुंच गई है जो कुल मामलों का 1.48 प्रतिशत है। देश में अबतक कुल 1,07,75,169 मरीज संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।
नयी दिल्ली। भारत में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 16,752 नए मरीजों की पुष्टि हुई है जो पिछले 30 दिनों में सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1,10,96,731 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, 113 और संक्रमितों की मौत के बाद महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 1,57,051 पहुंच गई है। देश में 29 जनवरी को 18,855 नए मामले आए थे।
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आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 1,64,511 पहुंच गई है जो कुल मामलों का 1.48 प्रतिशत है। देश में अबतक कुल 1,07,75,169 मरीज संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। इसके बाद संक्रमण से मुक्त होने की दर 97.10 फीसदी है। कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु दर 1.42 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
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वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के मुताबिक, 27 फरवरी तक 21,62,31,106 नमूनों की जांच की गई है। शनिवार को ही 7,95,723 नमूनों का परीक्षण किया गया है।
India reports 16,752 new #COVID19 cases, 11,718 discharges and 113 deaths in the last 24 hours, as per the Union Health Ministry
— ANI (@ANI) February 28, 2021
Total cases: 1,10,96,731
Total discharges: 1,07,75,169
Death toll: 1,57,051
Active cases: 1,64,511
Total Vaccination: 1,43,01,266 pic.twitter.com/8PrQ7bjHmG
जब तक यमुना का पानी साफ नहीं होगा, शाही स्नान में नहीं लेंगे भाग: हिंदू संत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 28, 2021 10:54
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अयोध्या स्थित महा निर्वाणी अखाड़ा के प्रमुख महंत धर्मदास ने आगामी कुंभ मेले के लिए भी ऐसी घोषणाएं कीं। महंत धर्मदास ने दो अन्य वैष्णवी अखाड़ों- महा निर्मोही और महा दिगंबर अखाड़ा के प्रमुखों की उपस्थिति में यह घोषणा की।
मथुरा। यमुना के गंभीर जल प्रदूषण को रेखांकित करते हुए, देश के तीन प्रमुख हिंदू संतों ने शनिवार को संकल्प लिया कि वे वर्तमान में चल रहे वृंदावन कुंभ के दौरान बाकी शाही स्नान’ में तब तक भाग नहीं लेंगे, जब तक कि नदी का पानी साफ नहीं हो जाता। अयोध्या स्थित महा निर्वाणी अखाड़ा के प्रमुख महंत धर्मदास ने शेष तीन शुभ दिनों- 9, 13 और 25 मार्च को नदी में शाही स्नान का बहिष्कार करने की घोषणा की।
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उन्होंने आगामी कुंभ मेले के लिए भी ऐसी घोषणाएं कीं। महंत धर्मदास ने दो अन्य वैष्णवी अखाड़ों- महा निर्मोही और महा दिगंबर अखाड़ा के प्रमुखों की उपस्थिति में यह घोषणा की। महंत धर्मदास ने कहा, अगले शाही स्नान में, हम यमुना में पवित्र डुबकी तभी लगाएंगे, जब पानी साफ होगा। दो अन्य अखाड़ों के प्रमुखों ने इस पर सहमति व्यक्त की।
किसान आंदोलन के प्रति समर्थन जुटाने के लिए राकेश टिकैत पांच राज्यों का करेंगे दौरा
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 28, 2021 10:42
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बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा, मार्च में उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में किसानों की बैठकें होंगी, उत्तर प्रदेश में भी दो बैठकें होंगी।
गाजियाबाद। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने की खातिर किसान नेता राकेश टिकैत मार्च में पांच राज्यों का दौरा करेंगे। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के एक पदाधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। पदाधिकारी ने कहा कि बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा टिकैत एक मार्च से दौरे की शुरुआत करेंगे। बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा, मार्च में उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में किसानों की बैठकें होंगी, उत्तर प्रदेश में भी दो बैठकें होंगी। मलिक ने कहा कि राजस्थान में दो बैठकें और मध्य प्रदेश में तीन बैठकें होंगी। 20, 21 और 22 मार्च को अंतिम तीन बैठकें कर्नाटक में होंगी।
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उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना में छह मार्च को एक कार्यक्रम निर्धारित है, लेकिन राज्य में कुछ चुनावों के कारण हमें अभी तक इसकी अनुमति नहीं मिली है। यदि अनुमति मिल जाती है, तो तेलंगाना में बैठक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी।’’ गौरतलब है कि नवंबर से ही सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर हजारों किसान तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्र सरकार से इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने किसान यूनियनों के साथ 11 दौर की औपचारिक बातचीत की है। सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं।

