- |
- |
कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी ने जमानत के लिए किया मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का रुख
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 14, 2021 13:02
- Like

जेल में बंद हास्य कलाकार ने जमानत के लिए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का रुख किया है।पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की एक स्थानीय विधायक के बेटे की शिकायत पर एक जनवरी को मामला दर्ज करते हुए युवा हास्य कलाकार और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
इंदौर (मध्यप्रदेश)। हिंदू देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियों के आरोप में गिरफ्तारी के बाद करीब पखवाड़े भर से यहां न्यायिक हिरासत के तहत केंद्रीय जेल में बंद गुजरात के हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी ने जमानत पर रिहाई के लिए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की शरण ली है। आधिकारिक ब्योरे के मुताबिक उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में फारुकी की ओर से पेश नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की संभावित तिथि 15 जनवरी तय की गई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की एक स्थानीय विधायक के बेटे की शिकायत पर एक जनवरी को मामला दर्ज करते हुए युवा हास्य कलाकार और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
इसे भी पढ़ें: BJP अध्यक्ष जे पी नड्डा करेंगे तमिलनाडु का एक दिवसीय दौरा, चेन्नई में मनाएंगे पोंगल
जिला अदालत के एक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और इसके बाद एक सत्र न्यायाधीश फारुकी की जमानत अर्जियां खारिज कर चुके हैं। फारुकी के गुजरात निवासी ससुर युनूस बद्र ईमानी अपने दामाद की गिरफ्तारी के बाद से इंदौर में हैं और जमानत पर हास्य कलाकार की रिहाई के प्रयासों में जुटे उसके वकीलों के सतत संपर्क में हैं। ईमानी ने बृहस्पतिवार को पीटीआई- को बताया, मेरी गत शनिवार और बुधवार को केंद्रीय जेल में फारुकी से मुलाकात हुई थी। इस दौरान उसने अपनी पत्नी और घर-परिवार की खैरियत पूछी। उन्होंने कहा कि फारुकी की पत्नी फिलहाल जूनागढ़ में है और जेल अधिकारियों ने न्यायिक हिरासत में बंद हास्य कलाकार से फोन पर उसकी बात कराने से कथित रूप से यह कहते हुए मना कर दिया कि नियम इसकी इजाजत नहीं देते हैं।
इसे भी पढ़ें: अमित शाह से मुलाकात के बाद भाजपा-जजपा गठबंधन में सुलह, हरियाणा सरकार को खतरा नहीं
केंद्रीय जेल के अधीक्षक राकेश कुमार भांगरे ने फारुकी को लेकर कोई विशिष्ट टिप्पणी किए बगैर बताया, जेल मैन्युअल के मुताबिक किसी कैदी के कारागार में आने के बाद 90 दिन तक उसका आचरण देखा जाता है। इसके बाद ही उसे फोन पर बातचीत की सुविधा देने पर विचार किया जाता है। जिला अदालत में फारुकी की जमानत याचिका पर बहस के दौरान अभियोजन ने प्राथमिकी के इस आरोप पर जोर दिया था कि इंदौर के एक कैफे में एक जनवरी को आयोजित हास्य कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं का भद्दा मजाक उड़ाया गया था और यह कार्यक्रम अश्लीलता से भरा था, जबकि इसके दर्शकों में नाबालिग लड़के-लड़कियां भी शामिल थे। उधर, फारुकी के वकील की ओर से दलील दी गई थी कि प्राथमिकी में हास्य कलाकार के खिलाफ लगाए गए आरोप सरासर अस्पष्ट हैं और उसके खिलाफ राजनीतिक दबाव में मामला दर्ज किया गया। स्थानीय भाजपा विधायक और शहर की पूर्व महापौर मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने फारुकी और हास्य कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े चार अन्य लोगों के खिलाफ तुकोगंज पुलिस थाने में एक जनवरी की रात मामला दर्ज कराया था।
इसे भी पढ़ें: अमित शाह से मुलाकात के बाद भाजपा-जजपा गठबंधन में सुलह, हरियाणा सरकार को खतरा नहीं
विधायक पुत्र का आरोप है कि इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर अभद्र टिप्पणियां की गई थीं। चश्मदीदों के मुताबिक एकलव्य अपने साथियों के साथ बतौर दर्शक इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में जमकर हंगामा किया और कार्यक्रम रुकवाने के बाद फारुकी समेत पांच लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विवादास्पद कार्यक्रम को लेकर पांचों लोगों को भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य), धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जान-बूझकर कहे गए शब्द) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। बाद में इस कार्यक्रम के आयोजन में शामिल होने के आरोप में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।
किसान आंदोलन के चलते जाह्नवी कपूर की फिल्म “गुड लक जेरी” की शूटिंग फिर रोकी गई
- रेनू तिवारी
- जनवरी 25, 2021 15:38
- Like

इस महीने में दूसरी बार जान्हवी कपूर स्टारर फिल्म 'गुड लक जेरी' की शूटिंग किसान विरोध के कारण फिर से बाधित हुई। प्रदर्शनकारी किसानों का एक गुट पटियाला में शूटिंग स्थल पर पहुंचा और शहर में फिल्म की शूटिंग के खिलाफ नारे लगाए।
पटियाला। इस महीने में दूसरी बार जान्हवी कपूर स्टारर फिल्म 'गुड लक जेरी' की शूटिंग किसान विरोध के कारण फिर से बाधित हुई। प्रदर्शनकारी किसानों का एक गुट पटियाला में शूटिंग स्थल पर पहुंचा और शहर में फिल्म की शूटिंग के खिलाफ नारे लगाए। कार्यक्रम स्थल के सूत्रों के मुताबिक, जो किसान खेत के बिल का विरोध कर रहे थे, उन्होंने मांग की कि जान्हवी अपने होटल से बाहर निकलें और किसानों को उनके विरोध में समर्थन दें।
इसे भी पढ़ें: मधुर भंडारकर ने ‘इंडिया लॉकडाउन’ की शूटिंग शुरू की, कोरोना के जख्मों पर आधारित है फिल्म
किसानों के एक समूह द्वारा यहां विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद जाह्नवी कपूर की आगामी फिल्म “गुड लक जेरी” की शूटिंग रोक दी गई। घटना शनिवार को सिविल लाइन्स क्षेत्र के पास हुई जब प्रदर्शन कर रहे किसानों ने फिल्म की शूटिंग का विरोध किया। बॉलीवुड के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का किसी अभिनेता ने समर्थन नहीं किया।
इसे भी पढ़ें: शादी की रस्में पूरी करने अलीबाग पहुंचे वरुण धवन, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
राजवंत सिंह संधू ने कहा, “पंजाब में शूटिंग कर रहे फिल्म उद्योग के लोगों से हम कह रहे हैं कि वे कम से कम उन किसानों के समर्थन में बोलें जो कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।” एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम बॉलीवुड अभिनेताओं का इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे किसानों का समर्थन नहीं कर रहे।” कुछ किसान उस होटल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं जहां फिल्म निर्माण दल के सदस्य ठहरे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा।
View this post on Instagram
नोट:कोरोना वायरस से भारत की लड़ाई में हम पूर्ण रूप से सहभागी हैं। इस कठिन समय में अपनी जिम्मेदारी का पूर्णतः पालन करते हुए हमारा हरसंभव प्रयास है कि तथ्यों पर आधारित खबरें ही प्रकाशित हों। हम स्व-अनुशासन में भी हैं और सरकार की ओर से जारी सभी नियमों का पालन भी हमारी पहली प्राथमिकता है।लोकप्रियता हासिल करने के लिए मुंबई में निकाली जा रही किसान रैली: रामदास आठवले
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 25, 2021 15:35
- Like
तपासे ने एक वीडियो संदेश में कहा, “आठवले एक मंत्री हैं। उन्होंने किसानों की भावनाओं को आहत किया है। उन्हें तत्काल देश और विशेषकर महाराष्ट्र के किसानों से माफी मांगनी चाहिए।
मुंबई। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरुद्ध दिल्ली के पास हो रहे आंदोलन के समर्थन में मुंबई में किसानों को जुलूस निकालने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल “लोकप्रियता” हासिल करने के लिए किया जा रहा है। आठवले ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के पक्ष में है और उन्हें न्याय दिलाना चाहती है। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने आठवले पर किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया और अपने बयान के लिए माफी मांगने को कहा। पूरे महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में किसान, केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए सोमवार को मुंबई में एकत्रित हुए।
आठवले ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में तीनों कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है और केंद्र ने भी दो साल के लिए कानूनों पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने एबीपी माझा चैनल से कहा, “(मुंबई में) इस जुलूस की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है।” आठवले ने कहा, “सरकार ने दो साल के लिए कानून लागू न करने का प्रस्ताव दिया था। इसलिए यह आंदोलन केवल लोकप्रियता हासिल करने के लिए किया जा रहा है।”काल पुण्यात सिरम इन्स्टिट्युटला भेट देऊन आग लागलेल्या इमारतीची पाहणी केली pic.twitter.com/kiEoa8SojU
— Dr.Ramdas Athawale (@RamdasAthawale) January 25, 2021इसे भी पढ़ें: किसानों के साथ ‘षड्यंत्र’ कर रही भाजपा, आजादी ‘खतरे’ में : अखिलेश यादव
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के पक्ष में है और उन्हें न्याय दिलाना चाहती है। उन्होंने कहा, “किसानों को सुनना चाहिए… उन्हें आंदोलन बंद कर देना चाहिए।” इस बीच महाराष्ट्र राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि आठवले ने आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन को लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा बता कर देश के किसानों का अपमान किया है। तपासे ने एक वीडियो संदेश में कहा, “आठवले एक मंत्री हैं। उन्होंने किसानों की भावनाओं को आहत किया है। उन्हें तत्काल देश और विशेषकर महाराष्ट्र के किसानों से माफी मांगनी चाहिए।
Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।नोट:कोरोना वायरस से भारत की लड़ाई में हम पूर्ण रूप से सहभागी हैं। इस कठिन समय में अपनी जिम्मेदारी का पूर्णतः पालन करते हुए हमारा हरसंभव प्रयास है कि तथ्यों पर आधारित खबरें ही प्रकाशित हों। हम स्व-अनुशासन में भी हैं और सरकार की ओर से जारी सभी नियमों का पालन भी हमारी पहली प्राथमिकता है।दिल्ली HC ने स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का अनुरोध नहीं भेजने पर SDMC को लगाई फटकार
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 25, 2021 15:18
- Like
अदालत ने स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का अनुरोध नहीं भेजने पर एसडीएमसी को फटकार लगाई है।न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे लोगों के प्रति काम करने को लेकर इच्छाशक्ति प्रदर्शित करनी चाहिए जिन्हें विशेष देखभाल की जरूरत है लेकिन उनका आचरण ऐसे व्यक्तियों के प्रति लापरवाही दर्शाता है।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) द्वारा संचालित स्कूलों में विशेष शिक्षकों के 1,100 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती का अनुरोध दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) को नहीं भेजने पर नगर निकाय को फटकार लगाई और साथ में 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगा दिया। न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे लोगों के प्रति काम करने को लेकर इच्छाशक्ति प्रदर्शित करनी चाहिए जिन्हें विशेष देखभाल की जरूरत है लेकिन उनका आचरण ऐसे व्यक्तियों के प्रति लापरवाही दर्शाता है।
इसे भी पढ़ें: जानें कहां और कैसे बनता है भारत का तिरंगा, केवल इस कंपनी के पास है काॅन्ट्रैक्ट
अदालत ने कहा कि 18 दिसंबर 2020 को निगम को प्रक्रिया तेज करने तथा डीएसएसएसबी को रिक्त पदों पर भर्ती का तत्काल अनुरोध भेजने का निर्देश दिया गया था लेकिन चार हफ्ते से भी अधिक वक्त बीत जाने के बावजूद निगम ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे कि प्रक्रिया शुरू की जा सके। इसने कहा कि निगम पर पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है जिसका वह दो हफ्ते के भीतर याचिकाकर्ता को भुगतान करे। इसके साथ ही अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 10 फरवरी तय कर दी। अदालत गैर सरकारी संगठन ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ की दिल्ली सरकार, डीएसएसएसबी तथा दिल्ली नगर निगमों के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।नोट:कोरोना वायरस से भारत की लड़ाई में हम पूर्ण रूप से सहभागी हैं। इस कठिन समय में अपनी जिम्मेदारी का पूर्णतः पालन करते हुए हमारा हरसंभव प्रयास है कि तथ्यों पर आधारित खबरें ही प्रकाशित हों। हम स्व-अनुशासन में भी हैं और सरकार की ओर से जारी सभी नियमों का पालन भी हमारी पहली प्राथमिकता है।लेटेस्ट अपडेट
लेटेस्ट वीडियो
सब्सक्राइब न्यूज़लेटर
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.Accept