मप्र के जेल प्रहरियों को एनएसजी ट्रेनिंग सेन्टर में मिलेगी कमांडो ट्रेनिंग

[email protected] । Jan 31 2017 3:56PM

मध्य प्रदेश के जेल विभाग ने अपने प्रहरियों को देश की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ट्रेनिंग सेन्टर में सख्त कमांडो ट्रेनिंग देने के लिए भेजने का फैसला किया है।

भोपाल। प्रतिबंधित सिमी आतंकियों द्वारा पिछले साल भोपाल जेलब्रेक की घटना के बाद मध्य प्रदेश के जेल विभाग ने अपने प्रहरियों को देश की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ट्रेनिंग सेन्टर में सख्त कमांडो ट्रेनिंग देने के लिए भेजने का फैसला किया है। एनएसजी भारत की एक विशिष्ट यूनिट है, जो मुख्य रूप से आतंकवादी गतिविधियों के लिए उपयोग में लाई जाती है। जेल महानिदेशक संजय चौधरी ने आज बताया, ‘‘हमने 21 जेल प्रहरियों का पहला बैच विशेष कमांडो ट्रेनिंग के लिए एनएसजी के ट्रेनिंग सेन्टर में भेजा है। भविष्य में और प्रहरियों को भी यह ट्रेनिंग दी जायेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विभाग ने 50 जेल प्रहरियों को एनएसजी ट्रेनिंग दिलवाने की योजना बनाई है।’’ चौधरी ने बताया कि इन प्रशिक्षित जेल प्रहरियों को राज्य की विभिन्न जेलों में जरूरत के अनुसार तैनात किया जायेगा। जेल विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इन प्रहरियों को एनएसजी के ट्रेनिंग सेन्टर पर तीन महीने की सख्त ट्रेनिंग दी जायेगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उच्च सुरक्षा वाले भोपाल केन्द्रीय जेल के जेलब्रेक की घटना के मद्देनजर लिया गया है, ताकि जेल परिसरों में सुरक्षा बढ़ायी जा सके। उन्होंने बताया, ‘‘जेल प्रहरियों को दी जाने वाली यह विशेष ट्रेनिंग जेलों की सुरक्षा को और मजबूत करेगी। शुरुआत में उन्हें केन्द्रीय जेल में तैनात किया जायेगा। ट्रेनिंग के लिए इन प्रहरियों का चयन उनकी उम्र एवं फिटनेस के आधार पर किया गया है।’’

गौरतलब है कि पिछले साल 30-31 अक्तूबर की रात को प्रतिबंधित सिमी के आठ विचाराधीन कैदी भोपाल केन्द्रीय जेल में तैनात एक प्रहरी की निर्मम हत्या करने के बाद वहां से फरार हो गये थे। सिमी के इन सभी सदस्यों को फरार होने के कुछ ही घंटों बाद 31 अक्तूबर को जेल से लगभग 18 किलोमीटर दूर शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक गांव में पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। इस जेलब्रेक की घटना के बाद प्रदेश सरकार ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कई उपाय किये, जिनमें जेलों में कैदियों के लिए उनके रिश्तेदारों एवं परिजन द्वारा भेजे जाने वाली बाहरी खाने-पीने की चीजों पर प्रतिबंध एवं शहरों की घनी आबादी वाले इलाकों से जेल को शिफ्ट करना शामिल हैं।

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