नक्सलियों के कब्जे से मुक्त हुए CRPF जवान राकेश्वर सिंह की पत्नी ने यूं जाहिर की अपनी खुशी
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच तीन अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद अगवा किये गए 210वीं कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट ऐक्शन (कोबरा) के कांस्टेबल राकेश्वर सिंह मन्हास को जब एक न्यूज चैनल पर एम्बुलेंस से उतरते देखा गया तो उनके परिवार के सदस्यों के आंसू छलक आए।
जम्मू। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए ‘कोबरा’ कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की मुक्ति की खबर के बाद बृहस्पतिवार को जम्मू स्थित उनके घर पर पसरा सन्नाटा उत्सव में बदल गया। मन्हास की पत्नी ने इसे जीवन का सबसे खुशी का पल करार दिया। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच तीन अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद अगवा किये गए 210वीं कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट ऐक्शन (कोबरा) के कांस्टेबल राकेश्वर सिंह मन्हास को जब एक न्यूज चैनल पर एम्बुलेंस से उतरते देखा गया तो उनके परिवार के सदस्यों के आंसू छलक आए।
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मन्हास की पांच वर्षीय बेटी को मोबाइल फोन पर अपने पिता की तस्वीर को चूमते हुए देखा गया। जम्मू-अखनूर रोड पर स्थित बुरनाई में मन्हास की पत्नी मीनू ने अपने घर पर संवाददाताओं से कहा, यह मेरे जीवन का सबसे खुशी का पल है। मुझे हमेशा ही उनकी वापसी का पूरा भरोसा रहा। मैं केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार का धन्यवाद करना चाहती हूं। साथ ही उन सभी लोगों का आभार व्यक्त करती हूं जोकि परीक्षा की इस घड़ी में हमारे साथ खड़े रहे। बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर तीन अप्रैल को नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किये गए हमले के बाद हुई मुठभेड़ में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये जबकि 31 अन्य घायल हो गए थे।
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