समिति कोई समाधान नहीं, कृषि कानूनों को वापस लिया जाए: आप

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आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने मंगलवार को कहा कि वह तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग का समर्थन करती है। पार्टी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले में एक समिति का गठन करना मुद्दे का ‘स्थायी समाधान’ नहीं है।

चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने मंगलवार को कहा कि वह तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग का समर्थन करती है। पार्टी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले में एक समिति का गठन करना मुद्दे का ‘स्थायी समाधान’ नहीं है। आप की पंजाब इकाई के प्रमुख भगवंत मान ने कहा कि पार्टी किसानों के आत्म सम्मान के साथ कोई ‘समझौता’ नहीं चाहती है। इस गतिरोध को समाप्त करने का एकमात्र उपाय ‘काले’ कानूनों को वापस लेना है।

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एक बयान में मान ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति के ज्यादातर सदस्य भाजपा नीत केंद्र सरकार के प्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें संदेह है कि यह समिति किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझने में और उन समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने में सफल होगी।’’ आप सांसद ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों की एक मात्र मांग इन कानूनों को वापसी है।

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उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले अगले आदेश तक विवादास्पद कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी और केंद्र तथा दिल्ली की सीमाओं पर कानून को लेकर आंदोलनरत किसान संगठनों के बीच जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया। उच्चतम न्यायालय की तरफ से बनाई गई चार सदस्यों की समिति में बीकेयू के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन(महाराष्ट्र) के अध्यक्ष अनिल घनवत, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान दक्षिण एशिया के निदेशक प्रमोद कुमार जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी शामिल हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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