कांग्रेस ने रूपाणी सरकार पर लगाया रोगियों के जीवन से खिलवाड़ का आरोप, बीजेपी ने किया खारिज

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गुजरात सरकार ने बुधवार को धमन-1 जीवनरक्षक प्रणालियों को खरीदने के अपने निर्णय का बचाव करते हुए दावा किया था कि वे किसी भी अन्य वेंटिलेटर की तरह अच्छे हैं तथा उन्हें केन्द्र द्वारा मान्यता प्राप्त एक प्रयोगशाला ने प्रमाणित किया है।

अहमदाबाद। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि गुजरात सरकार उस कंपनी के बनाये हुए ‘‘धमन-1’’ वेंटिलेटरों को बढ़ावा देकर कोरोना वायरस रोगियों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है जिसका स्वामित्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के एक मित्र के पास है। सत्तारूढ़ भाजपा ने इन आरोपों को निराधार कहकर खारिज कर दिया। पार्टी ने कहा कि विपक्षी दल ऐसे आरोप लगाकर एक स्थानीय निर्माता की छवि को खराब कर रहा है। गुजरात सरकार ने बुधवार को धमन-1 जीवनरक्षक प्रणालियों को खरीदने के अपने निर्णय का बचाव करते हुए दावा किया था कि वे किसी भी अन्य वेंटिलेटर की तरह अच्छे हैं तथा उन्हें केन्द्र द्वारा मान्यता प्राप्त एक प्रयोगशाला ने प्रमाणित किया है। प्रधान स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था कि राजकोट स्थित ज्योति सीएनसी ने धमन-1 ब्रांड वाले वेंटिलेटर विकसित किए हैं। 

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कंपनी ने अप्रैल में कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान राज्य में जीवन रक्षक प्रणाली की कमी होने के समय में ऐसे 866 वेंटिलेटर सरकार को दान किए थे। किंतु कांग्रेस की राज्य इकाई ने दावा किया कि कंपनी के मालिक पराक्रम सिंह जड़ेजा रूपाणी के मित्र हैं। कंग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, ‘‘धमन-1 कोई वेंटिलेटर है ही नहीं। यह महज एक यंत्रीकृत एम्बु-बैग है जो शरीर में आक्सीजन की आपूर्ति करता है। हम किसी कंपनी के खिलाफ नहीं हैं। हमारा यह दृढ़ता से मानना है कि इन तथाकथित वेंटिलेटरों को इसलिए खरीदा गया ताकि मुख्यमंत्री के मित्र की स्वामित्व वाली कंपनी को बढ़ावा दिया जा सके। ’’ इन आरोपों से इंकार करते हुए गुजरात भाजपा के प्रवक्ता भरत पंड्या ने कहा, ‘‘हम एक स्थानीय निर्माता और दानदाता की छवि को खराब करने के कांग्रेस के प्रयास की भर्त्सना करते हैं। कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह ‘वोकल फार लोकल’की अवधारणा के खिलाफ है। इन वेंटिलेटरों को तीन विभिन्न परीक्षण एजेंसियों से अनुमति दी गयी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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