कांग्रेस का आरोप, वर्मा के खिलाफ कार्रवाई में सरकार और CVC के बीच सांठगांठ
सीबीआई निदेशक वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों के दौर के बीच सरकार ने 24 अक्टूबर को तड़के दोनों की शक्तियां छीन लीं।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार का आरोप लगाया कि सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा के अधिकार छीनने में सरकार और केन्द्रीय सतर्कता आयोग के बीच सांठगांठ है और यह राफेल सौदे की ‘‘जांच ठंडे बस्ते में डालने के लिए रचा गया षड्यंत्र है।’’ विपक्षी दल ने सवाल किया कि सीवीसी आयुक्त के. वी. चौधरी ने इस मुद्दे पर 23 अक्टूबर की रात आपात बैठक करने के लिए पहले से तय अपनी विदेश यात्रा क्यों रद्द की और वर्मा के खिलाफ ‘‘गैरकानूनी’’ आदेश क्यों जारी किया।
कांग्रेस के आरोपों को फिलहाल सीवीसी या प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अशोक गहलोत के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि देर रात कई नाटक हुए जहां ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीवीसी के साथ मिलकर संविधान के साथ धोखा किया और अब सबकुछ लोगों के सामने है।’’
सीबीआई निदेशक वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों के दौर के बीच सरकार ने 24 अक्टूबर को तड़के दोनों की शक्तियां छीन लीं। दोनों के खिलाफ यह कार्रवाई सीवीसी की सिफारिश पर की गई। सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘चौधरी को 23 अक्टूबर (बृहस्पतिवार) की शाम डेनमार्क की यात्रा पर जाना था। उन्होंने अचानक अपनी यात्रा रद्द कर दी और रात में सीवीसी की बैठक बुलाई।’’
उन्होंने दावा किया कि सीवीसी के आदेश का अंदाजा लगाकर उसी रात करीब 11 बजे सीबीआई के संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को जांच एजेंसी के मुख्यालय भेजा गया। राव अब सीबीआई के अंतरिम प्रमुख हैं।
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