कांग्रेस और टीआरएस अल्पसंख्यक तुष्टिकरण कर रही है: अमित शाह
17 सितंबर 1948 को ही देसी रियासत हैदराबाद का भारत में विलय हुआ था। शाह ने वायदा किया कि भाजपा की सरकार बनने पर हर गांव में तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाया जाएगा।
आदिलाबाद। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने तेलंगाना की टीआरएस सरकार और कांग्रेस पर सोमवार को ‘अल्पसंख्यक तुष्टिकरण’ का आरोप लगाते हुए दावा किया कि राज्य विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र मुख्य तौर पर मुसलमानों के कल्याण पर केंद्रित है। यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि टीआरएस सरकार ने सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षण संस्थानों में मुसलमानों का आरक्षण बढ़ाने का फैसला किया, नतीजतन आदिवासियों के आरक्षण में बढ़ोतरी का प्रस्ताव बाधित हुआ।
Thank you Telangana for the tremendous affection. pic.twitter.com/FnYz6b1e5A
— Amit Shah (@AmitShah) November 28, 2018
उन्होंने कहा कि के. चंद्रशेखर राव की सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए अलग आईटी कोरीडोर बनाने के बारे में बात करती है। एक राष्ट्रीय खबरिया चैनल का हवाला देते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इसने कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र लीक किया है जिसमें सरकारी अनुबंधों में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की परिकल्पना की गई है। टीवी चैनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए शाह ने कहा, ‘‘ उर्दू शिक्षकों के लिए आरक्षण पर फैसला किया जाएगा और अगर आप उर्दू नहीं जानते हैं तो आप तेलंगाना में शिक्षक नहीं बन सकते हैं।’’ उन्होंने कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र को ‘असंवैधानिक’ करार दिया।
Nalgonda (Telangana): There is no difference between the Congress and the TRS - both parties have no faith in internal democracy and both are indulge in the politics of appeasement. pic.twitter.com/1dT2zYhCoT
— Amit Shah (@AmitShah) November 28, 2018
कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र मंगलवार को जारी किया गया था जिसमें सभी मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों और अन्य पूजास्थलों को निशुल्क बिजली देने का वायदा किया है। इसमें वक्फ बोर्ड को न्यायिक शक्ति देने और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए सब प्लान की परिकल्पना की गई है। इसमें उचित व्यवस्था के जरिए मंदिरों, मस्जिदों और गिरजाघरों में मरम्मत के लिए कोष जारी करने के बारे में भी बात की गई है।
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शाह ने अपने भाषण में जानना चाहा कि क्या कांग्रेस की अगुवाई वाले महागठबंधन और कार्यवाहक मुख्यमंत्री राव हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से तेलंगाना को ‘मुक्त’ करा सकती है। वह भाजपा के मुखर आलोचक हैं। शाह ने दर्शकों से पूछा, ‘‘ तेलंगाना की यात्रा कर रहे राहुल बाबा क्या वह आपको एआईएमआईएम से मुक्ति दिला सकते हैं? क्या उनके घटक दल टीजेएस और भाकपा आपको एआईएमआईएम से मुक्ति दिला सकते हैं? क्या राव आपको एआईएमआईएम से मुक्ति दिला सकते हैं?’’
उन्होंने आरोप लगाया कि राव की सरकार 17 सितंबर को तेलंगाना मुक्ति दिवस के तौर पर नहीं मनाती है, क्योंकि वे ओवैसी से डरती है। 17 सितंबर 1948 को ही देसी रियासत हैदराबाद का भारत में विलय हुआ था। शाह ने वायदा किया कि भाजपा की सरकार बनने पर हर गांव में तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाया जाएगा।
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भाजपा प्रमुख ने कहा कि अगर गोंड नेता कोमराम भीम निज़ाम के शासन के खिलाफ विद्रोह नहीं करते तो उन्हें आदिलाबाद आने के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती। मूल निवासियों के वन अधिकारों के लिए निज़ाम के खिलाफ लड़ते हुए भीम 1940 में शहीद हो गए थे।
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