Rahul Gandhi ने Karnataka में 'मोहब्बत की दुकान' तो खोल ली मगर विपक्षी एकजुटता का संदेश नहीं दे सकी Congress

Rahul Gandhi
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शपथ समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

कर्नाटक सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस जिस विपक्षी एकता का प्रदर्शन करना चाहती थी वह कर नहीं पाई। इससे पहले राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी यह बात सामने आई थी कि कांग्रेस के नेतृत्व में केंद्रीय स्तर पर एक मंच पर आने में कई विपक्षी दलों को हिचकिचाहट है। कर्नाटक में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बावजूद यदि कई दल उसके साथ खड़े नहीं हो रहे हैं तो यह दर्शाता है कि 2004 में यूपीए जैसा सफल प्रयोग करने वाली देश की मुख्य विपक्षी पार्टी को अभी और प्रयास करने की जरूरत है।

कौन-कौन बने मंत्री

जहां तक नयी सरकार के शपथ ग्रहण की बात है तो आपको बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। सिद्धरमैया के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी शपथ ग्रहण की, जो राज्य सरकार में उप मुख्यमंत्री होंगे। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जी परमेश्वर, एमबी पाटिल, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पुत्र प्रियंक खरगे, वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री केएच मुनियप्पा, केजे जॉर्ज, सतीश जार्कीहोली, रामालिंगा रेड्डी और बीजेड जमीर अहमद खान ने मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने स्थानीय श्री कांतीरवा स्टेडियम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सिद्धरमैया, शिवकुमार और अन्य नेताओं को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ समारोह विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में आयोजित हुआ। कांग्रेस ने इस समारोह के माध्यम से विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया लेकिन कई बड़े नेताओं की अनुपस्थिति से ऐसा हो नहीं सका।

कौन-कौन अतिथि आये?

हम आपको बता दें कि शपथ समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस समारोह में शिरकत की। लेकिन जो बड़े नाम अनुपस्थित रहे उनमें अरविंद केजरीवाल, के. चंद्रशेखर राव, वाईएसआर रेड्डी, नवीन पटनायक, ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे शामिल हैं। हालांकि ममता बनर्जी ने सांसद काकोली घोष और उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी को शपथ समारोह में भेजा था।

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मंत्री बने चेहरों पर एक नजर

मंत्रिमंडल के चेहरों पर नजर डालें तो प्रतीत होता है कि कांग्रेस ने दक्षिण भारत के इस महत्वपूर्ण राज्य में सरकार गठन में सामाजिक समीकरण को साधने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया कुरुबा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उप मुख्यमंत्री शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं। वहीं, परमेश्वर, मुनियप्पा और प्रियंक दलित समुदाय से संबंध रखते हैं, जबकि एमबी पाटिल लिंगायत समुदाय से आते हैं। खान मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और जॉर्ज का संबंध ईसाई समुदाय से है। जार्कीहोली अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं, जबकि रामालिंगा रेड्डी का संबंध रेड्डी जाति से है। हम आपको बता दें कि कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है। फिलहाल मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत कुल 10 सदस्य हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।

सिद्धरमैया इससे पहले मई 2013 से मई 2018 के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कभी जनता दल और जनता दल (सेक्युलर) का हिस्सा रहे सिद्धरमैया दो बार राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। पिछली विधानसभा में वह नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे थे। वहीं, कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले शिवकुमार पिछले लगभग तीन वर्षों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वह प्रदेश में कांग्रेस की पिछली कुछ सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। हम आपको एक बार फिर बता दें कि कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटें अपने नाम की थीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने 66 और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) ने 19 सीटें हासिल की थीं।

राहुल गांधी का बयान

दूसरी ओर, कर्नाटक सरकार के शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दक्षिण भारत के इस राज्य ने ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की लाखों दुकानें खोल दी हैं।’ उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और आठ मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद जनता से साफ-सुथरी और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन देने का वादा किया। राहुल गांधी का यह भी कहना था कि कैबिनेट की पहली बैठक में कांग्रेस की ओर से दी गई पांचों ‘गारंटी’ कानून का रूप ले लेगी। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कर्नाटक की जनता का धन्यवाद करता हूं। आपने पूरी तरह से समर्थन दिया। पिछले पांच वर्षों में आपने कौन-कौन सी मुश्किलें सही हैं, हम और आप जानते हैं... इस जीत का सिर्फ एक कारण है कि कांग्रेस कर्नाटक के गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों के साथ खड़ी हुई।’’ उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता ने भाजपा की सारी ताकत को परास्त कर दिया, उनके भ्रष्टाचार और नफरत को हरा दिया। राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान के अपने संदेश का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘नफरत के बाजार में कर्नाटक ने मोहब्बत की लाखों दुकानें खोली हैं।’’ उन्होंने कांग्रेस की ओर से दी गई पांच गारंटी का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने कहा था कि हम झूठे वादे नहीं करते, जो कहते हैं वह हम कर दिखाते हैं। एक दो घंटे में सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक होगी। ये वादे कानून बन जाएंगे।’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हम आपको साफ-सुथरी और भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार देंगे...यह कर्नाटक की जनता की सरकार है और यह दिल से आपके लिए काम करेगी।’’

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