कांग्रेस को उम्मीद, कन्हैया व अन्य के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया में नहीं होगा कोई हस्तक्षेप
उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरी उम्मीद करते हैं कि कानूनी प्रक्रिया एकदम ठीक ढंग से चलेगी, इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। वैसे, इस सरकार पर से लोगों का भरोसा खत्म हो चुका है, इस सरकार की प्रक्रियाओं पर से विश्वास खत्म हो चुका है।
नयी दिल्ली। देशद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल होने के बाद कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वह आशा करती है कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया ‘साक्ष्यों से छेड़छाड़ किए बिना’ सही ढंग से चलेगी और इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ साक्ष्यों के साथ बिना कोई छेड़छाड़ हुए कानूनी प्रक्रिया चलनी चाहिए। हमें ये पूरी उम्मीद है कि साक्ष्यों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होने दी जाएगी क्योंकि पहले कई समाचार आए थे कि कई वीडियो से छेड़छाड़ की गयी है।’’
Almost 3 years too late, the Modi Govt has again used the police to distract attention from the issues that matter - Jobs, agrarian distress & economic mismanagement. https://t.co/64uRhlluE4
— Congress (@INCIndia) January 14, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरी उम्मीद करते हैं कि कानूनी प्रक्रिया एकदम ठीक ढंग से चलेगी, इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। वैसे, इस सरकार पर से लोगों का भरोसा खत्म हो चुका है, इस सरकार की प्रक्रियाओं पर से विश्वास खत्म हो चुका है।’’ दरअसल, दिल्ली पुलिस ने 2016 में दर्ज देशद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के खिलाफ सोमवार को आरोपपत्र दाखिल किया।
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पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के लिए पूर्व छात्रों उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया। यह कार्यक्रम संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू को फांसी की बरसी पर आयोजित किया गया था। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह), 323 (किसी को चोट पहुंचाने के लिए सजा), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 471 (फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के तौर पर इस्तेमाल करना), 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने के लिए सजा), 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होना), 147 (दंगा फैलाने के लिए सजा) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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