महाराष्ट्र: कांग्रेस, राकांपा और एमआईएमआईएम ने उद्यान के टीपू सुल्तान विवाद पर भाजपा को घेरा

Sanjay Raut

भाजपा ने बुधवार को यह आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था कि इस पुनर्निर्मित उद्यान का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रख दिया गया है। उसने यह दावा करते हुए इस नामकरण का विरोध किया कि टीपू सुल्तान ने हिदुओं पर अत्याचार किया था,इसलिए उनका नाम किसी सरकारी केंद्र के लिए अस्वीकार्य है।

मुम्बई| मुम्बई में एक पुनर्निर्मित उद्यान का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के कथित कदम का भाजपा द्वारा विरोध किये जाने के बीच कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि यहां तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी 2017 में कर्नाटक विधानसभा में 18 वीं सदी के मैसूर के शासक की प्रशंसा की थी।

भाजपा ने बुधवार को यह आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था कि इस पुनर्निर्मित उद्यान का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रख दिया गया है। उसने यह दावा करते हुए इस नामकरण का विरोध किया कि टीपू सुल्तान ने हिदुओं पर अत्याचार किया था,इसलिए उनका नाम किसी सरकारी केंद्र के लिए अस्वीकार्य है।

हालांकि , मालवनी में इस उद्यान का उद्घाटन करने वाले महाराष्ट्र के मंत्री असलम शेख ने कहा था कि हमेशा से इस उद्यान का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर था और कोई नया नामकरण नहीं किया गया है।

भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए प्रदेश कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने कहा, ‘‘ 2017 में कर्नाटक विधानसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने टीपू सुल्तान के कार्यों का जिक्र किया था। क्या भाजपा वह पूरी तरह भूल गयी है। राजनीतिक हस्तियों को चित्रित करने में धर्म को लाना एवं नफरत एवं ध्रुवीकरण का जहर फैलाना भाजपा की विकृत राजनीति है।

’’ उन्होंने दावा किया कि हर चीज को श्वेत-श्याम के रूप में प्रस्तुत करने की भाजपा की राजनीति की शैली विकृत है तथा ऐसे दृष्टिकोण को पूरी तरह खारिज किया जाना चाहिए। सावंत ने कहा, ‘‘ कोल्लूर में श्री मूकाम्बिका मंदिर में प्रतिदिन शाम को साढ़े सात बजे टीपू सुल्तान के नाम पर आरती की जाती है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस, जिनकी होलोग्राम प्रतिमा का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया, ने टीपू को शहीद बताया था और उनके मैसूर बाघ को अपनी आजाद हिंद फौज के झंडे का हिस्सा बनाया था एवं वर्दी पर भी उसकी आकृति बनवायी थी।’’

टीपू सुल्तान 18 वीं सदी के मैसूर के शासक थे और उनकी जान ब्रिटिश के विरूद्ध लड़ाई लड़ते हुए गयी। मंत्री शेख ने दावा किया है कि यह उद्यान 15 सालों से टीपू सुल्तान के नाम से जाना जाता था।

हालांकि उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी एवं शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि बृहन्मुम्बई महानगरपालिका द्वारा (टीपू सुल्तान के नाम पर उद्यान का नाम रखने का)ऐसा कोई फैसला नहीं किया गया जबकि महानगरपालिका शहर में किसी सरकारी स्थल का नाम रखने का एकमात्र प्राधिकार है। राकांपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्य के मंत्री नवाब मलिक ने कहा, ‘‘टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों के सामने कभी आत्मसपर्मण नहीं किया और वह आक्रांताओं के विरूद्ध लड़ाई लड़ते हुए शहीद हो गये। भाजपा ऐसे योद्धाओं का विरोध कर रही है।

कर्नाटक में भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा टीपू सुल्तान की जयंती मनाया करते थे लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने उसे रद्द कर दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुम्बई में भी भाजपा पार्षदों ने इस उद्यान का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के लिए पत्र दिये थे। यह कुछ नहीं बल्किलोगों का ध्यान भटकाने की भाजपा की तरकीब है।’’

इस बीच , बुधवार को ऑल इंडिया मजलिस -ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के नेता और औरंगाबाद से पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि टीपू के नाम इसलिए विरोध किया जा रहा है, क्योंकि वह मुसलमान थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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