'कांग्रेस की अंदरूनी कलह से नुकसान हो रहा है, सख्त फैसले की जरूरत', मल्लिकार्जुन खड़गे अहम बैठक में उठाया मुद्दा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी लाइन से हटकर बयान देने के लिए विरोधी नेताओं की खिंचाई की और कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों से सबक लेकर जवाबदेही तय करने और कमियों को दूर करने के लिए "कठोर फैसले" लेने की जरूरत है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी लाइन से हटकर बयान देने के लिए विरोधी नेताओं की खिंचाई की और कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों से सबक लेकर जवाबदेही तय करने और कमियों को दूर करने के लिए "कठोर फैसले" लेने की जरूरत है, जहां सबसे पुरानी पार्टी हार गई। दोनों राज्यों में पार्टी की मनोबल तोड़ने वाली हार का विश्लेषण करने के लिए कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान खड़गे ने कहा कि अंदरूनी कलह से सबसे पुरानी पार्टी को नुकसान हो रहा है और नेताओं से पार्टी विरोधी टिप्पणियां बंद करने का आग्रह किया।
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खड़गे ने कहा कि उनका मानना है कि ईवीएम ने चुनावी प्रक्रिया को "संदिग्ध" बना दिया है और इस बात पर जोर दिया कि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं लड़े जाने चाहिए। उन्होंने कहा, "कब तक राज्य के नेता राष्ट्रीय मुद्दों पर राष्ट्रीय नेताओं के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।" उन्होंने चुनाव परिणामों से सबक लेकर पार्टी में कमियों को दूर करने का आह्वान किया और कहा कि पार्टी को अपने प्रतिद्वंद्वियों के "दुष्प्रचार और गलत सूचना" का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए रणनीति बनानी होगी।
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खड़गे ने कहा, "इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम अनुशासन का सख्ती से पालन करें। हमें हर परिस्थिति में एकजुट रहना होगा। पार्टी के पास अनुशासन का हथियार भी है। लेकिन हम अपने कार्यकर्ताओं को किसी बंधन में नहीं डालना चाहते।" उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से चुनाव परिणामों से निराश न होने का आग्रह करते हुए कहा, "इसलिए, सभी को यह सोचने की जरूरत है कि कांग्रेस पार्टी की जीत हमारी जीत है और हार हमारी हार है। हमारी ताकत पार्टी की ताकत में निहित है।"
खड़गे ने संकेत दिया कि पार्टी में बड़े पैमाने पर बदलाव किया जाएगा। बैठक में कुछ कांग्रेस नेताओं ने कई राज्यों में खराब संगठनात्मक ढांचे को चिह्नित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी पुराने तरीकों पर चलकर सफलता हासिल नहीं कर सकती। "आपको यह देखना होगा कि आपका राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रोजाना क्या कर रहा है। उन्होंने कहा, "हमें समय पर निर्णय लेने होंगे। जवाबदेही तय होनी चाहिए।" कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की लगातार हार के कारण "फासीवादी ताकतें" अपनी जड़ें गहरी कर रही हैं।
उन्होंने कहा, "एक-एक करके वे राज्य की संस्थाओं पर भी कब्जा कर रहे हैं।" खड़गे ने कहा कि कांग्रेस भले ही चुनाव हार गई हो, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता इस देश में ज्वलंत मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना भी आज एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं और नेताओं से भविष्य के चुनावों की तैयारी पहले से शुरू करने और मतदाता सूची की ठीक से जांच करने का आह्वान किया।
खड़गे ने कहा कि चुनाव लड़ने के तरीके बदल गए हैं और पार्टी को अपनी माइक्रो-कम्युनिकेशन रणनीति अपने विरोधियों से बेहतर बनानी होगी। दुष्प्रचार और गलत सूचनाओं से लड़ने के तरीके भी खोजने होंगे। हमें पिछले परिणामों से सबक लेकर आगे बढ़ना होगा। कमियों को दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि कड़े फैसले आत्मविश्वास के साथ लेने होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान माहौल कांग्रेस के पक्ष में था, लेकिन सिर्फ अनुकूल माहौल जीत की गारंटी नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा। क्या कारण है कि हम माहौल का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। हमें बूथ स्तर तक अपने संगठन को मजबूत करना होगा। मतदाता सूची बनाने से लेकर वोटों की गिनती तक हमें दिन-रात सतर्क, सावधान और सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा कि हमें चुनाव नतीजों से तुरंत सीख लेने की जरूरत है और संगठनात्मक स्तर पर अपनी सभी कमजोरियों और कमियों को दूर करना होगा। ये नतीजे हमारे लिए एक संदेश हैं।
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