कांग्रेस ने जमात-ए-इस्लामी, पीएफआई जैसे संगठनों से समझौते किये: भाजपा

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नकवी ने कहा कि पूरी दुनिया में जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियां खून खराबे, आतंक से भरपूर और मानवता के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र मोदी की सरकार आई तो कश्मीर में इनकी गतिविधियों के चलते इन पर प्रतिबंध लगाया गया।

नयी दिल्ली। भाजपा ने रविवार को कांग्रेस पर जमात-ए-इस्लामी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ मिलकर ‘कट्टरपंथी सिंडिकेट’ बनाने और चरमपंथ को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए पूछा कि क्या तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राजद भी इस कथित गठजोड़ का हिस्सा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जमात-ए-इस्लामी के राजनीतिक संगठन वेलफेयर पार्टी और पीएफआई के साथ समझौता किया है। जमात-ए-इस्लामी को भारत सरकार ने प्रतिबंधित कर रखा है जबकि पीएफआई पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देश में चले रहे प्रदर्शनों के लिये धन उपलब्ध कराने और अन्य गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप है। भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा, ‘‘आपको याद होगा जब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ रहे थे तो देश बहुत आश्चर्यचकित था कि कांग्रेस के झंडों से ज्यादा जमात-ए-इस्लामी के झंडे क्यों दिखाई दे रहे थे। काफी लोग आश्चर्यचकित थे कि सेक्यूलर पार्टी का कौन सा रैडिकल अलायंस हुआ है।’’ 

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उन्होंने कहा कि लोगों ने ये भी देखा था कि आजादी के बाद पहली बार अपने आप को राष्ट्रवादी पार्टी कहने वाली कांग्रेस ने मुस्लिम लीग से भी समझौता किया था और सोनिया गांधी ने उसे सरकार का हिस्सा भी बनाया था। उस समय कहा गया था कि ये गठबंधन की मजबूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे संगठन जो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हों, आतंकी संगठनों और उनकी जेहादी मानसिकता को प्रमोट कर रहे हों, उनका कांग्रेस के साथ रिश्ता, कांग्रेस की इस बदली हुई मानसिकता को प्रदर्शित कर रहा है।’’ नकवी ने कहा कि पूरी दुनिया में जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियां खून खराबे, आतंक से भरपूर और मानवता के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र मोदी की सरकार आई तो कश्मीर में इनकी गतिविधियों के चलते इन पर प्रतिबंध लगाया गया। उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव जी से पूछा कि क्या कांग्रेस पार्टी के साथ राजद का भी जमात-ए-इस्लामी और पीएफआई के साथ समझौता हुआ है?क्योंकि राजद और कांग्रेस बिहार में साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये बात तेजस्वी यादव को बिहार की जनता को स्पष्ट करना होगा।’’

भाजपा नेता ने सवाल किया कि किस मजबूरी के तहत कांग्रेस ने जमात-ए-इस्लामी और पीएफआई के साथ समझौते किए, ये उसे बताना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की सुविधा के लिए जमात-ए-इस्लामी ने राजनीतिक दल का भी गठन कर दिया है, जिसका नाम शायद वेलफेयर या कोई पार्टी है, ताकि वो बता सकें कि भाई जमात-ए-इस्लामी से तो हमारा समझौता नहीं है, लेकिन वेलफेयर पार्टी हमारी दोस्त है।’’ उन्होंने कहा कि हाथरस की घटना के मद्देनजर पीएफआई के लोग तमाम तरह की गतिविधियों में पकड़े गए हैं और ‘‘कांग्रेस के युवराज’’ उनके परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस जो अपने आपको सेक्यूलर कहती थी, वह जिस तरह से कट्टरपंथियों को सत्ता की लालच और ललक में बढ़ावा दे रही है या कहिए संरक्षण दे रही है। यह अपने आप में बहुत खतरनाक मानसिकता है।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के संगठनों के साथ कांग्रेस का जो गठबंधन हुआ है, उसका जवाब कांग्रेस को देना होगा। बिहार में चुनाव चल रहे हैं तो इसका जवाब राजद को भी देना होगा, क्योंकि उनका कांग्रेस से गठबंधन है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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