राज्यसभा में उठा कोविड टीकाकरण ऐप कोविन के अटकने का मुद्दा

covid vaccination app cowin got stuck in Rajya Sabha

राज्यसभा में कोविड टीकाकरण संबंधी ऐप के अटकने का मुद्दा उठा है।वित्तीय क्षेत्र में ऐसी कंपनियों की अहम भूमिका की चर्चा करते हुए भाजपा सदस्य ने मांग की कि रिजर्व बैंक को नए दिशानिर्देश जारी करने चाहिए जिससे संबंधित क्षेत्र की परेशानी दूर हो सके।

नयी दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने कोरोना वायरस के टीकाकरण के लिए बनाए गए ऐप कोविन के बीच में ही अटकने का मुद्दा उठाया और इसे दुरुस्त करने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा कि कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के लिए कोविन ऐप बनाया गया है लेकिन यह कई बार बीच में ही अटक (हैंग) जाता है जिससे टीकाकरण अभियान बाधित होता है। उन्होंने टीकाकरण के लिए अग्रिम पंक्ति के लिए योद्धाओं को चुने जाने की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें कई बार ऐसे लोग भी चुन लिए जाते हैं जिनकी दिलचस्पी टीका लेने में नहीं होती। ऐसे में उन लोगों के टीकाकरण में देरी होती है जो टीका लेने के इच्छुक हैं।

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तृणमूल सदस्य ने ऐप तथा टीकाकरण के लिए चयन प्रक्रिया को दुरुस्त करने की मांग की। शून्यकाल में ही भाजपा नेता सैयद जफर इस्लाम ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले साल रिजर्व बैंक द्वारा जारी दिशानिर्देशों से इस क्षेत्र के लिए मुश्किलें पैदा हो रही हैं। वित्तीय क्षेत्र में ऐसी कंपनियों की अहम भूमिका की चर्चा करते हुए भाजपा सदस्य ने मांग की कि रिजर्व बैंक को नए दिशानिर्देश जारी करने चाहिए जिससे संबंधित क्षेत्र की परेशानी दूर हो सके। द्रमुक सदस्य पी विल्सन ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के गन्ना किसानों की आर्थिक मुश्किलों का जिक्र करते हुए उनके लिए पैकेज दिए जाने की मांग की। द्रमुक सदस्य ने कहा कि चीनी मिलों पर गन्ना किसानों की बड़ी रकम बकाया है और चीनी मिलें करीब दो साल से गन्ना किसानों को भुगतान नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान करीब 15 चीनी मिलें बंद हो गयीं जिससे हजारों किसानों की बकाया राशि उसमें अटक गयी, वहीं बड़ी संख्या में चीनी मिलों के कर्मचारी भी बेरोजगार हो गए। भाजपा सदस्य नबाम रेबिया ने आईएएस, आईपीएस और आईएफस अधिकारियों के लिए अरुणाचल प्रदेश की खातिर अलग कैडर गठित करने की मांग की। कांग्रेस के कुमार केतकर और बीजद के सुभाष चंद्र सिंह ने भी शून्यकाल में लोक महत्व के अलग अलग मुद्दे उठाए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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