विधायकों को तोड़ने की संस्कृति से लोकतंत्र को गंभीर खतरा: भाकपा

CPI

अनजान ने कहा कि निर्वाचित सरकारों को गिराने के लिये भाजपा द्वारा अपनाये गये इस तरीके को कारगर बनाने में राज्यपालों का सक्रिय सहयोग भी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इस पर अफसोस जताते हुये कहा मणिपुर और गोवा के बाद अब मध्य प्रदेश में भी भाजपा ने यह हथकंडा अपना कर सत्ता हासिल कर ली है।

नयी दिल्ली। भाकपा ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के टूटने के कारण राज्य की कमलनाथ सरकार गिरने की घटना को लोकतंत्र के लिये गंभीर चुनौती बताते हुये कहा है कि विधायकों को तोड़ने की संस्कृति को बढ़ावा दिया जाना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिये शुभ संकेत नहीं है। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि भाजपा ने दल बदल कानून को धता बताते हुए दूसरे दलों के विधायकों का इस्तीफा करा कर अपने पाले में करने की नयी परिपाटी शुरु कर दी है। 

इसे भी पढ़ें: मध्यप्रदेश के जनादेश को नीलाम कर गए ज्योतिरादित्य सिंधिया: दिग्विजय

उन्होंने कहा कि दल बदल कानून के तहत किसी भी दल में टूट को तभी मान्यता दी जा सकती है जबकि उस दल के दो तिहाई विधायक अलग हों। अनजान ने कहा कि निर्वाचित सरकारों को गिराने के लिये भाजपा द्वारा अपनाये गये इस तरीके को कारगर बनाने में राज्यपालों का सक्रिय सहयोग भी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इस पर अफसोस जताते हुये कहा, ‘‘मणिपुर और गोवा के बाद अब मध्य प्रदेश में भी भाजपा ने यह हथकंडा अपना कर सत्ता हासिल कर ली है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़