तेजी से बढ़ रहा है एमपी में साइबर अपराध, शुरुवात के 2 ही महीनों में टूटे सारे रिकॉर्ड

पिछले साल जो मामले दर्ज हुए थे, इसमें साइबर अपराध, सेक्सटॉर्शन, सोशल मीडिया पर मॉर्फ्ड तस्वीरें शेयर करना, अश्लील टिप्पणियां और फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट शामिल हैं। लेकिन पिछले 2 महीनों के दौरान ऐसे मामलों में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में साइबर अपराध के मामले लगातर सामने आ रहे हैं। पिछले दो महीनों में शहरों में साइबर अपराध के 600 से अधिक मामले सामने आए हैं। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग तो इस तरह के मामले दर्ज भी नहीं करवाते है। मध्य प्रदेश में साल 2021 में साइबर अपराध के कुल 3600 मामले दर्ज हुए थे। इस साल 2 महीने में ही यह आंकड़ा 600 के पार पहुंच गया है।
दरअसल पिछले साल जो मामले दर्ज हुए थे, इसमें साइबर अपराध, सेक्सटॉर्शन, सोशल मीडिया पर मॉर्फ्ड तस्वीरें शेयर करना, अश्लील टिप्पणियां और फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट शामिल हैं। लेकिन पिछले 2 महीनों के दौरान ऐसे मामलों में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वहीं इस साल बढ़त का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2022 के पहले 2 महीनों में ही संख्या बढ़कर 32 फीसदी हो गई है। और 3 फीसदी मामले अलग-अलग क्षेत्रों के हैं। सबसे ज्यादा मामले वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित हैं।
उधर एमपी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि यह केवल आधिकारिक पुलिस डेटा है जिसमें पीड़ितों ने पुलिस से संपर्क करने का साहस दिखाया है। उन्होंने आगे कहा कि कई मामलों में वित्तीय धोखाधड़ी की राशि कम होती है, रिपोर्ट भी नहीं की जाती है। ऐसे में राज्य की वास्तविक स्थिति बहुत गंभीर है।
उन्होंने कहा कि इस साल पहले 2 महीनों में पुलिस ने कहा कि साइबर क्राइम रैकेट का पर्दाफाश करके कुल 15 ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों को सुलझा लिया है। उन्होंने दावा किया है कि जालसाजों के बैंक खातों में लगभग 20 लाख रुपये जमा हुए जिसे पीड़ितों को वापस किया जाएगा।
साइबर क्राइम ब्रांच के एसीपी अक्षय चौधरी ने कहा कि जनवरी में 320 अपराधों की शिकायतें मिली थीं जबकि फरवरी में ऐसी 300 शिकायतें मिली थीं। इन महीनों के दौरान लगभग 200 शिकायतों का निपटारा किया गया या उनका समाधान किया गया।
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