Kejriwal के केस में अचानक से आया दाऊद इब्राहिम का नाम, दिल्ली हाई कोर्ट ने जो कहा- सुनकर सभी हो गए हैरान

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अभिनय आकाश । May 2 2024 12:28PM

केजरीवाल के लिए याचिका लगाने वाला शख्स एक लॉ स्टूडेंट है। इसने अपनी याचिका में ऐसी मांग की थी कि चुनाव आयोग को ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए कि ताकि गिरफ्तार नेताओं को जब तक दोषी नहीं ठहराया जाता तब तक उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चुनाव प्रचार की इजाजत दी जाए।

दिल्ली के शराब घोटाले के मामले में अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। वहीं अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के नाम से तो आप सभी परिचित ही है, वो भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी है। लेकिन दोनों का दूर दूर तक कोई कनेक्शन नहीं है। लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल केस में ऐसी टिप्पणी कर दी की अचानक दौड़ इब्राहिम का नाम सामने आ गया। इसे सुनकर हर कोई चौंक गया। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई गई जिसमें कहा गया कि जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चुनाव प्रचार की इजाजत दे दी जाए। ताकि वोटर तक उनकी पार्टी की विचारधारा के बारे में बताया जा सके। 

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इस पर ही टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसे ही परमिशन दे दिया तो कल को दौड़ इब्राहिम भी चुनाव लड़ेगा और ऐसे ही प्रचार भी करेगा। केजरीवाल के लिए याचिका लगाने वाला शख्स एक लॉ स्टूडेंट है। इसने अपनी याचिका में ऐसी मांग की थी कि चुनाव आयोग को ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए कि ताकि गिरफ्तार नेताओं को जब तक दोषी नहीं ठहराया जाता तब तक उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चुनाव प्रचार की इजाजत दी जाए। इस याचिका में कहा गया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी की वजह से वोटर को आम आदमी पार्टी की विचारधारा और योजनाओं की जानकारी देने का आधार कम हो गया है। इसके अलावा राजनीतिक दलों के नेता अपने प्रचार करने के संविधान के मौलिक और कानूनी अधिकार से भी वंचित हैं। 

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दिल्ली हाई कोर्ट ने इस याचिका को देखकर याचिकर्ता की ऐसी क्लास लगाई की सभी देखते रह गए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे तो दाऊद इब्राहिम और अन्य कुख्यात अपराधी जैसे व्यक्ति एक राजनीतिक पार्टी स्थापित कर सकते हैं, चुनाव में भाग ले सकते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियान चला सकते हैं। पीठ ने यह भी कहा कि बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के दोषी व्यक्ति भी संभावित रूप से अपने उद्देश्यों के लिए एक राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं। न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा सहित पीठ ने कहा कि वे ऐसी याचिकाओं के पीछे के प्रचार से अवगत हैं और इसके बारे में अच्छी तरह से सूचित हैं। उन्होंने हाल ही में कई याचिकाओं को निपटाया है और तुच्छ दलीलें प्रस्तुत करने के लिए याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना भी लगाया है।

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