नागरिकता पर प्रदर्शन: जामिया, एएमयू में हिंसक प्रदर्शन, बंगाल में उबाल, असम में स्थिति में सुधार

असम गण परिषद् (अगप) ने अपने मंत्रियों से इस्तीफा देने की अपील की है। अगप असम में भाजपा नीत सरकार का हिस्सा है। दबाव में अगप ने यू-टर्न लेते हुए विवादास्पद कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय किया है।
नयी दिल्ली। नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में रविवार को दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप और उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में हिंसक प्रदर्शन हुए, जबकि पश्चिम बंगाल में भी अव्यवस्था की स्थिति बनी रही। जामिया के पास हुई झड़प में करीब 60 लोगों के घायल होने, जबकि एएमयू में हुई झड़प में भी लगभग इतनी ही संख्या में छात्रों के घायल होने की खबर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन सबके के लिए ‘‘कांग्रेस और उसके मित्रों’’ को जिम्मेदार ठहराया है। असम में स्थिति में सुधार के कारण गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में कई घंटे की ढील दी गई लेकिन शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहे। इस बीच, असम गण परिषद् (अगप) ने अपने मंत्रियों से इस्तीफा देने की अपील की है। अगप असम में भाजपा नीत सरकार का हिस्सा है। दबाव में अगप ने यू-टर्न लेते हुए विवादास्पद कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय किया है।
Aligarh Muslim University (AMU) Registrar, Abdul Hamid: In view of the current situation, we have declared winter vacations today onwards. University will reopen on January 5 and examinations will be held after that. https://t.co/vXVbnvGO7I
— ANI UP (@ANINewsUP) December 15, 2019
दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि हिरासत में लिए गए सभी छात्रों को कालकाजी और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी से रिहा कर दिया गया है।
MS Randhawa, PRO Delhi Police: All detained students have been released from Kalkaji and New Friends Colony. pic.twitter.com/1Plzfp3tfV
— ANI (@ANI) December 15, 2019
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने कहा है कि सभी स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार खोले गए हैं। सभी स्टेशनों में सामान्य सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं।
Delhi Metro Rail Corporation: Entry and exit gates at all stations have been opened. Normal services have resumed in all stations. pic.twitter.com/i9SEg3V20N
— ANI (@ANI) December 16, 2019
असम के गुवाहाटी में दो और लोगों की गोली लगने से मौत हो गई जिससे पुलिस गोलीबारी में मरने वालों की संख्या बढ़ कर चार हो गई है। बहरहाल, प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पांच लोग मारे गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी में नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की चार बसों और पुलिस के दो वाहनों को फूंक दिया। इसमें छह पुलिसकर्मी और दो दमकलकर्मी सहित करीब 60 लोग घायल हो गये। सूत्रों ने बताया कि हिंसा के बाद कम से कम 31 छात्रों को नजदीक के अस्पताल ले जाया गया और इनमें से 11 को भर्ती कर लिया गया। हिंसा के तुरंत बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने रविवार को दावा किया कि दिल्ली पुलिस के कर्मी बगैर इजाजत के जबरन विश्वविद्यालय में घुस गये और कर्मचारियों तथा छात्रों को पीटा तथा उन्हें परिसर छोड़ने के लिए मजबूर किया। विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि पुस्तकालय के भीतर मौजूद छात्रों को निकाला गया और वे सुरक्षित हैं।
विश्वविद्यालय ने शनिवार को परीक्षाएं रद्द कर दी और तनाव के मद्देनजर पांच जनवरी तक अवकाश की घोषणा कर दी।उधर, उत्तर प्रदेश स्थित एएमयू में भी देर शाम छात्रों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई। इस दौरान हुए पथराव और लाठीचार्ज में कम से कम 60 छात्र घायल हो गए। परिसर में तनावपूर्ण हालात के मद्देनजर विश्वविद्यालय को 5 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जामिया मिलिया इस्लामिया में पुलिस द्वारा छात्रों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की खबर मिलने के बाद एएमयू में सैकड़ों की संख्या में छात्र विश्वविद्यालय के बाब-ए-सर सय्यद गेट पर एकत्र हो गये और सुरक्षा के लिए लगाया गया गेट तोड़ डाला। छात्रों ने पुलिस पर पथराव भी किया, जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। इस दौरान दोनों ओर से पथराव हुआ, जिसमें कम से कम 60 छात्र घायल हो गए। कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस उपमहानिरीक्षक परमिंदर सिंह को भी चोट लगने की खबर है। साथी छात्रों के जख्मी होने की खबर मिलने पर सैकड़ों छात्र नेहरू मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर पहुंच गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर निसार अहमद ने बताया कि करीब 60 छात्रों को चोटें आई हैं। साथ ही, कुछ को आंसू गैस के कारण आंख में परेशानी हुई है।
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विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर अफीफ उल्लाह खान ने भी बताया कि बाब-ए-सर सैय्यद गेट पर हुए पथराव में कुछ सुरक्षाकर्मियों को चोटें आई हैं। पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल होने के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं।इस बीच, एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने बताया कि मौजूदा हालात के मद्देनजर विश्वविद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है और तमाम छात्रावास खाली कराए जा रहे हैं। वहीं, पटना में करगिल चौक पर प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने एक पुलिस चौकी सहित चार वाहनों को आग के हवाले कर दिया और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही, उनके द्वारा किए गए पथराव में एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालांकि, स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। पश्चिम बंगाल में छह जिलों मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गयी है ताकि खासतौर पर सोशल मीडिया पर अफवाह और गलत खबरें प्रसारित करने वालों को रोका जा सके। पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर रविवार रात राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में राज्य प्रशासन और पुलिस बल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की। मुख्यमंत्री ने उन्हें हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के कालीघाट आवास में यह बैठक करीब दो घंटे चली। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर यह बैठक की गई। मुख्यमंत्री ने ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस बलों से शीघ्र कार्रवाई करने और सख्त कदम उठाने को कहा।
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एनआरसी और नागरिकता कानून के खिलाफ विज्ञापनों को लेकर तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि वह विज्ञापन असंवैधानिक है जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य में एनआरसी और नागरिकता कानून नहीं लागू किया जाएगा। पुलिस ने कहा कि नदिया, बीरभूम, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों में हिंसा, लूट और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। उत्तर 24 परगना के अमडंगा और कल्याणी इलाकों में तथा नदिया जिले में प्रदर्शनकारियों ने रास्ता जाम किया और सड़कों पर लकड़ी जलाकर विरोध व्यक्त किया। उत्तर 24 परगना जिले के देगंगा इलाके में दुकानों में तोड़-फोड़ करने के साथ ही टायर जलाए गए। वहीं प्रदेश के दक्षिण 24 परगना जिले में नुंगी और अकरा स्टेशनों के बीच रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों पर अवरोधक लगा दिये और अकरा स्टेशन पर तोड़फोड़ व आगजनी की। भीड़ ने स्टेशन के टिकट काउंटर पर रखे रुपये भी लूट लिये। इसी तरह के प्रदर्शन हावड़ा जिले के डोमजुर इलाके, बर्धमान और बीरभूम जिलों में भी हुए। यहां प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली और नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मालदा जिले में प्रदर्शनकारियों ने भालुका रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की और सागरदिघी में रेल और सड़क बंद का आह्वान किया। अधिकारियों ने बताया कि खड़गपुर मंडल में प्रदर्शन के दौरान अभी तक रेलवे संपत्ति को शनिवार तक 15.77 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है। बहरहाल, मोदी ने झारखंड के दुमका में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस और इसके सहयोगी आग लगा रहे हैं लेकिन पूर्वोत्तर के लोगों ने हिंसा को नकार दिया है।
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कांग्रेस के कृत्य साबित करते हैं कि संसद में लिए गए सभी निर्णय सही हैं।’’ किसी समुदाय का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि ‘‘जो लोग आग भड़का रहे हैं’’ उनकी पहचान उनके कपड़ों से की जा सकती है। मोदी ने कहा, ‘‘जो लोग आग लगा रहे हैं उन्हें टीवी पर देखा जा सकता है...उनकी पहचान उनके कपड़ों से की जा सकती है।’’ असम में गौहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधीक्षक रमन तालुकदार ने ‘पीटीआई’ को बताया, ‘‘ईश्वर नाइक की गत रात मौत हो गई और अब्दुल आलिम ने आज सुबह दम तोड़ दिया।’’ गुवाहाटी में बृहस्पतिवार को सैम स्टैफोर्ड और दीपांजल दाव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने बताया कि असम में 175 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 1,406 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया। इस बीच, इस कानून के खिलाफ असमी समुदाय के लोगों ने अन्य भारतीयोंके साथ लंदन में भी प्रदर्शन किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने असम के समीप दो जिलों कूचबिहार और जलपाईगुड़ी में अधिकारियों को अवरोध के कारण फंसे यात्रियों को भोजन एवं पानी की आपूर्ति करने के निर्देश दिए है। इस बीच, पश्चिम बंगाल में अशांति के मद्देनजर गुवाहाटी, न्यू अलीपुरद्वार और न्यू जलपाईगुड़ी से चलने वाली और पूर्वी रेलवे जोन की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों को रविवार को रद्द कर दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद् (अगप) ने रविवार को कहा कि वह उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर नागरिकता संशोधन अधिनियम को वापस लेने का आग्रह करेगी। इस बीच, अगप की गुवाहाटी इकाई ने अंबारी इलाके में पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और पार्टी प्रमुख अतुल बोरा सहित तीन मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की।
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बंगाली बहुल इलाके बराक घाटी में कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं हुआ। अगप नेता और असम के मंत्री केशव महंत ने कहा कि पार्टी ने अपने ‘‘पुराने रुख’’ को नहीं छोड़ा है और वह कानून का विरोध कर रही है। राज्यसभा में पार्टी के इकलौते सदस्य बिरेन्द्र प्रसाद बैश्य ने चर्चा के दौरान विधेयक का विरोध किया लेकिन बाद में इसके पक्ष में वोट दिया जिसे लेकर पार्टी आलोचनाओं का सामना कर रही है। छात्र संगठनों अखिल असम छात्र संघ (आसू)और असम जातीयताबादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने भी इस कानून के विरोध में राज्यभर में रैलियां निकालीं। विरोध प्रदर्शनों के चलते राज्य में कच्चे तेल और गैस के उत्पादन में गिरावट आई है। इससे कई जिलों में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की आपूर्ति प्रभावित हुई है। दो बड़ी सरकारी तेल कंपनियों ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) और ओएनजीसी ने रविवार को कहा कि विरोध प्रदर्शनों के बाद उनका गैस उत्पादन पूरी तरह से रुक गया है जबकि तेल उत्पादन में 75 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। एक अन्य पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में शिलॉन्ग के कुछ हिस्सों ने रविवार को सुबह छह बजे से शाम सात बजे तक की ढील दी गई है। बैंक और शैक्षिक संस्थान 11 दिसंबर से बंद हैं और नार्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी ने सभी परीक्षाएं फरवरी 2020 तक स्थगित कर दी हैं। कर्फ्यू में ढील के दौरान सड़कों पर यातायात नाममात्र का दिखा। वहीं, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन मार्च निकाला गया। एक कार्यकर्ता गौतम बंदोपाध्याय ने बताया कि यह प्रदर्शन शाम को मरीन ड्राइव इलाके से अंबेडकर चौक तक ‘कैब विरोधी प्रदर्शन मंच’ के बैनर तले निकाला गया।इस बीच, तिरूवनंतपुरम से प्राप्त से खबर के मुताबिक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘सुदानी फ्रॉम नाइजीरिया’ के कलाकारों ने इस कानून के विरोध में राष्ट्रीय पुरस्कार कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। इस फिल्म को 66 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ मलयालम ‘फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। फिल्म के निर्देशक जकारिया मोहम्मद ने फेसबुक पर एक पोस्ट कर यह घोषणा की।
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