'NEP पर देश को गुमराह कर रही DMK', धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु में हिंदी थोपने के आरोप को नकारा

Dharmendra Pradhan
ANI
अंकित सिंह । Mar 10 2025 1:46PM

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वे (डीएमके) बेईमान हैं। वे तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। वे तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। उनका एकमात्र काम भाषाई अवरोध पैदा करना है। वे राजनीति कर रहे हैं। वे शरारत कर रहे हैं। वे अलोकतांत्रिक और असभ्य हैं।

संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज विपक्ष और सरकार के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के माध्यम से कथित तौर पर हिंदी थोपे जाने के मुद्दे पर तीखी नोकझोंक के साथ शुरू हुआ। डीएमके सदस्यों ने इस मुद्दे पर सरकार की कड़ी आलोचना की। पार्टी के कई सांसद सदन के वेल में चले गए, नारे लगाए और न्याय की मांग की। सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डीएमके पर एनईपी के बारे में देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने लोकसभा में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और अन्य डीएमके नेताओं द्वारा लगाए गए हिंदी थोपने के आरोपों को भी नकार दिया।

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धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वे (डीएमके) बेईमान हैं। वे तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। वे तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। उनका एकमात्र काम भाषाई अवरोध पैदा करना है। वे राजनीति कर रहे हैं। वे शरारत कर रहे हैं। वे अलोकतांत्रिक और असभ्य हैं। प्रश्नकाल के दौरान प्रधान ने डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार पर निशाना साधते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और तीन-भाषा नीति पर यू-टर्न लेने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है और तमिलनाडु में छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल रही है। प्रधान ने डीएमके के रुख को "असभ्य और अलोकतांत्रिक" भी कहा।

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धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में द्रमुक सदस्यों के विरोध के बाद अपने वक्तव्य से एक शब्द वापस ले लिया और आसन ने भी इस शब्द को सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। सदन में प्रश्नकाल के दौरान प्रधान ने द्रमुक सांसद टी सुमति के पूरक प्रश्न के उत्तर में एक टिप्पणी की थी। सुमति ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को स्वीकार नहीं करने के कारण तमिलनाडु को पीएमश्री योजना के तहत आवंटित किए जाने वाले 2,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय राशि अन्य राज्यों को हस्तांतरित कर दी गई है। इसके जवाब में शिक्षा मंत्री प्रधान ने द्रमुक पर तमिलनाडु में छात्रों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। मंत्री के बयान को लेकर द्रमुक सदस्यों ने विरोध किया और हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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