Digvijay Singh के पोस्ट से कांग्रेस में हलचल, 'RSS प्रेम' पार्टी में पर छिड़ी जंग

Digvijay Singh
प्रतिरूप फोटो
ANI
एकता । Dec 28 2025 11:58AM

दिग्विजय सिंह के आरएसएस की कार्यशैली की तारीफ वाले बयान पर कांग्रेस में मचे घमासान से पार्टी दो गुटों में बंटी दिख रही है, जिससे कांग्रेस नेतृत्व को सफाई देनी पड़ रही है। इस मुद्दे पर पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत जैसे नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है, वहीं सचिन पायलट और सलमान खुर्शीद ने दिग्विजय सिंह का बचाव किया है, जिससे कांग्रेस की आंतरिक एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं।

कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने पार्टी के अंदर नया संकट खड़ा कर दिया है। शनिवार को सिंह ने बीजेपी और आरएसएस की कार्यशैली की तारीफ की, जिसे पार्टी के भीतर आपसी कलह और असंतोष के रूप में देखा जा रहा है।

एक पोस्ट बना विवाद की जड़

दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पास फर्श पर बैठे नजर आ रहे हैं। इस फोटो के साथ सिंह ने लिखा कि बीजेपी और आरएसएस में जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को संगठन के शीर्ष पदों (मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री) तक पहुंचने का मौका मिलता है।

हालांकि, जब इस पर हंगामा बढ़ा तो सिंह ने सफाई दी कि वे आरएसएस की विचारधारा के कट्टर विरोधी हैं। लेकिन तब तक पार्टी के अंदर बहस छिड़ चुकी थी।


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खड़गे का पलटवार, 'हमारी रीढ़ कमजोर नहीं'

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिग्विजय सिंह का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा। खड़गे ने कहा, 'हमारी ताकत कम हो सकती है, लेकिन हमारी रीढ़ कमजोर नहीं है। हम धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगते।' उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस नेताओं ने एक समय तिरंगे तक को स्वीकार करने से मना कर दिया था और अब वे लोगों के अधिकारों को कुचल रहे हैं।

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बंट गई कांग्रेस?

पार्टी के अन्य बड़े नेताओं ने इस मुद्दे पर अलग-अलग राय दी है। पवन खेड़ा ने दिग्विजय सिंह के विश्लेषण को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि नाथूराम गोडसे के समर्थक कभी गांधी के समर्थक नहीं हो सकते।

सुप्रिया श्रीनेत ने कड़े शब्दों में कहा कि कांग्रेस को आरएसएस जैसे संगठन से कुछ भी सीखने की जरूरत नहीं है। दूसरी ओर, सचिन पायलट ने बीच-बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है। उन्होंने कहा कि पार्टी में अपनी राय रखने की आजादी है और उनका एकमात्र लक्ष्य खड़गे और राहुल गांधी को मजबूत करना है।

सलमान खुर्शीद ने भी सिंह का बचाव किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस क्या हासिल कर पाया है, यह उसका एक व्यावहारिक आकलन मात्र था, इसका मतलब यह नहीं कि वे पार्टी नेतृत्व के साथ नहीं हैं।

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