MP में भाजपा का ब्राह्मण चेहरा हैं नरोत्तम मिश्रा, खुद को हिन्दूवादी नेता के तौर पर कर चुके स्थापित !

narottam mishra
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नरोत्तम मिश्रा का जन्म 15 अप्रैल, 1960 को ग्वालियर में हुआ था। उन्होंने मध्य प्रदेश से ही शिक्षा ग्रहण की। नरोत्तम मिश्रा ने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी की डिग्री हासिल की। इस दौरान वो छात्र संघ से जुड़ गए और देखते ही देखते 1977 में छात्र संघ के सचिव बने।

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा तेज-तर्रार छवि वाले नेता हैं। रामनवमी के दिन खरगोन में हुई हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा हुआ है। इस दौरान प्रशासन की कार्रवाई को लेकर विपक्षियों ने शिवराज सरकार को निशाने पर भी लिया। दरअसल, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सख्स कार्रवाई की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जिस घर से पत्थर आए हैं उन घरों को पत्थर का ढेर बना देंगे। इस मामले में सरकार पूरी तरह से सख्त है और किसी को भी शांति व्यवस्था बिगाड़ने का कोई अधिकार है और हम इसे बिगाड़ने देंगे भी नहीं। 

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कौन हैं नरोत्तम मिश्रा ?

नरोत्तम मिश्रा का जन्म 15 अप्रैल, 1960 को ग्वालियर में हुआ था। उन्होंने मध्य प्रदेश से ही शिक्षा ग्रहण की। नरोत्तम मिश्रा ने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी की डिग्री हासिल की। इस दौरान वो छात्र संघ से जुड़ गए और देखते ही देखते 1977 में छात्र संघ के सचिव और 1978 से 1980 के बीच में मध्य प्रदेश भाजयुमो के राज्य कार्यकारी निकाय के सदस्य बन गए। नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश में भाजपा का ब्राह्मण चेहरा हैं और वो शिवराज सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं।

कई मंत्रालयों का संभाल चुके हैं जिम्मा

छह बार के विधायक नरोत्तम मिश्रा ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 2,600 मतों के मामूली अंतर से जीत दर्ज की थी। वह पहली बार 2003 में बाबूलाल गौर सरकार में राज्य मंत्री बने थे। तब से लेकर अभी तक कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा संभाल चुके हैं। जिनमें कानून, शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, जल संसाधन और जनसंपर्क सहित शामिल है। साल 2005 में जब शिवराज सिंह चौहान पहली बार मुख्यमंत्री बने तब नरोत्तम मिश्रा को संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया था। 

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इसके बावजूद उन्होंने खुद को कट्टरवादी नेता के तौर पर स्थापित किया। आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में 25 कांग्रेसी बागियों की मदद से करीब डेढ़ साल के वनवास के बाद फिर से शिवराज सरकार का गठन हुआ था और तब से नरोत्तम मिश्रा ने खुद को कट्टरवादी नेता के तौर पर पेश करना शुरू कर दिया था और हिन्दुओं के मुद्दों को प्रबलता से उठाने लगे। शिवराज सरकार की सत्ता में वापसी होने के बाद नरोत्तम मिश्रा ने गृह मंत्री और राज्य प्रवक्ता के रूप में कार्यभार संभाला और फिर रोजाना मीडिया को संबोधित करने लगे।

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