बड़ी उपलब्धि! सफदरजंग अस्पताल में चिकित्सकों ने मरीज के पेट से 10 किलोग्राम वजन का ट्यूमर निकाला

Safdarjung Hospital
ANI
रेनू तिवारी । Jul 21 2025 10:25AM

सफदरजंग अस्पताल में चिकित्सकों की टीम ने एक मरीज की सर्जरी कर उसके पेट से 10.6 किलोग्राम वजन के ‘गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर’ को सफलतापूर्वक बाहर निकाला। यह ट्यूमर उसके कई भीतरी अंग प्रणालियों पर अत्यधिक दबाव डाल रहा था।

वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज (वीएमएमसी) और सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम ने एक मरीज के पेट से 10.6 किलोग्राम का गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (जीआईएसटी) सफलतापूर्वक निकाला है। यह ट्यूमर उसके कई भीतरी अंग प्रणालियों पर अत्यधिक दबाव डाल रहा था। ‘गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर’ पाचन तंत्र में होने वाले दुर्लभ कैंसरयुक्त ट्यूमर हैं।

पेट से 10 किलोग्राम वजन का ट्यूमर निकाला

अस्पताल द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ट्यूमर मरीज के पेट और उसके आस पास के अंगों के आवरण समेत लगभग सभी हिस्सों तक फैल गया था। मरीज आठ महीने से इस बीमारी से पीड़ित था। इस प्रक्रिया के लिए असाधारण सर्जिकल विशेषज्ञता की आवश्यकता थी क्योंकि सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान इसे बाहर निकालना और सर्जरी के बाद की स्थिति में मरीज को संभालना बेहद जटिल प्रक्रिया थी।

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ट्यूमर को सर्जरी कर निकालना काफी जटिल था

वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के निदेशक डॉ. संदीप बंसल ने कहा, ‘‘सर्जरी के क्षेत्र में यह उल्लेखनीय उपलब्धि अस्पताल में उत्कृष्ट सहयोगात्मक चिकित्सा पद्धति को दर्शाती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘10.6 किलोग्राम वजन के इस बड़े आकार के ट्यूमर को सर्जरी कर निकालना काफी जटिल था, क्योंकि इसमें कई अंग प्रणालियां शामिल थीं। सर्जरी की सफलता हमारी टीम की रोगी देखभाल और सर्जिकल नवाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।’’

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निदेशक ने कहा कि ऐसे जटिल मामलों में न केवल उन्नत सर्जिकल कौशल की आवश्यकता होती है, बल्कि विशेषज्ञ सर्जिकल टीम से लेकर कुशल एनेस्थेसियोलॉजिस्ट (एनेस्थेसिया विशेषज्ञों) और समर्पित नर्सिंग स्टाफ से लेकर अन्य विभागों के बीच बेहतर समन्वय की भी आवश्यकता होती है। अस्पताल ने अपने बयान में कहा कि सर्जरी के बाद चिकित्सा कैंसर विज्ञान विभाग की टीम मरीज के स्वास्थ्य पर नजर रख रही है।

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