ईवीएम से छेड़छाड़ की बातों को अजित पवार ने किया खारिज

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राकांपा प्रमुख शरद पवार उन प्रमुख विपक्षी नेताओं में से हैं, जो चुनावों में ईवीएम के उपयोग पर सवाल उठाते रहे हैं और फिर से मतपत्रों के जरिये चुनाव कराने का पक्ष लेते रहे हैं।

पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार की ईवीएम के उपयोग पर अलग-अलग राय हैं। अजित पवार का कहना है कि उन्हें ईवीएम मशीन के कामकाज को लेकर कोई संदेह नहीं है। अजित पवार ने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि अगर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ की जा सकती है तो वे पांच राज्यों में चुनाव नहीं हारते। महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने राज्यों का नाम नहीं बताया। पिछले साल नवंबर और दिसंबर में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हुए थे। 

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भाजपा ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवा दी थी और अन्य दो राज्यों में भी अपनी छाप छोड़ने में असफल रही। राकांपा प्रमुख शरद पवार उन प्रमुख विपक्षी नेताओं में से हैं, जो चुनावों में ईवीएम के उपयोग पर सवाल उठाते रहे हैं और फिर से मतपत्रों के जरिये चुनाव कराने का पक्ष लेते रहे हैं। पिछले हफ्ते भी उन्होंने ईवीएम को लेकर चिंता व्यक्त की थी। अजित पवार ने यहां मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘कई लोगों को ईवीएम पर संदेह है। उन्हें लगता है कि इसमें छेड़छाड़ की जा सकती है, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा नहीं लगता है, लेकिन ये लोग ऐसा कहते रहते हैं। अगर ऐसा होता, तो वे (भाजपा) पांच राज्यों में चुनाव नहीं हारते।’’ यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने ईवीएम का बचाव किया है। पिछले साल 30 अक्टूबर को नागपुर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, अजित पवार ने कहा था कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से इन मशीनों पर भरोसा है। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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