3 गलतियों की वजह से 3 साल पुरानी पार्टी का हो गया ये हाल, ऐसी लिखी गई 'ऑपरेशन मुकेश सहनी' की स्क्रिप्ट

अति महत्वकांक्षा कहे या ओवर कॉन्फिडेंस कि यूपी में तो उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ लेकिन बिहार की सियासत में भी अब उनके पास न तो कोई विधायक बचा है और तो और अब मंत्री पद और विधान परिषद की सदस्यता पर भी संकट मंडराने लगा है।
'हक़ मांगते हो क्यों गुनहगार की तरह, हक़ है तो छीन लो हक़दार की तरह' सन ऑफ़ मल्लाह-मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) की वेबसाइट पर लिखा ये शेर अपने आप में कई कहानियां बयान करती है। लेकिन बिहार की सियासत में महज तीन साल के भीतर ही बॉलीवुड के पूर्व सेट डिजाइनर मुकेश सहनी की नवंबर 2018 में बनाई पार्टी नुमाया होने की कगार पर आ गई। कभी तेजस्वी यादव पर पीठ में खंजर घोंपने का आरोप लगाते हुए महागठबंधन से नाता तोड़ने वाले मुकेश सहनी ने यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। लेकिन अति महत्वकांक्षा कहे या ओवर कॉन्फिडेंस कि यूपी में तो उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ लेकिन बिहार की सियासत में भी अब उनके पास न तो कोई विधायक बचा है और तो और अब मंत्री पद और विधान परिषद की सदस्यता पर भी संकट मंडराने लगा है। हालांकि मंत्री पद से इस्तीफे को लेकर मुकेश सहनी ने साफ कहा है कि मैं कोई इस्तीफा नहीं देने वाला। इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार का नाम लेते हुए गेंद उनके पाले में फेंकते हुए कहा कि उनकी सरकार में मंत्री कौन रहेगा ये वही तय करेंगे। चाहें तो नीतीश कुमार मुझे हटा दें।
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मुकेश सहनी की तीन गलतियां
1.) नवंबर 2018 में अपनी पार्टी बनाई और बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 भाजपा के संरक्षण में लड़ा था। इसमें उनकी पार्टी को चार सीटें मिलीं लेकिन सहनी हारने के बावजूद भाजपा की सिफारिश पर नीतीश कुमार की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। बाद में वह बिहार विधान परिषद के लिए राजग के उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित हुए। सहनी ने उत्तरप्रदेश में हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में 50 से अधिक सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को उतारा था, लेकिन सफलता नहीं मिली।
2.) एनडीए में शामिल विकासशील इंसान पार्टी ने विधान परिषद चुनावों के लेकर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया। यूपी चुनाव से सबक न लेते हुए मुकेश सहनी ने विधान परिषद चुनाव में 7 उम्मीदवारों को उतार दिया। बिहार में राजग में शामिल सहनी के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ पर लगातार हमलों ने भाजपा के लिए असहज स्थिति उत्पन्न कर दी थी। उत्तरप्रदेश चुनाव में भाजपा के खिलाफ जाना सहनी को भारी पड़ा है।
3.) बिहार विधानसभा की बोचहां सीट से विकासशील इंसान पार्टी के ही मुसाफिर पासवान की जीत हुई थी. पिछले दिनों उनकी मृत्यु के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। मुकेश सहनी ने उम्मीदवार खड़ा करने का ऐलान किया तो भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा करते हुए बेबी कुमारी को उम्मीदवार बनाया।
फिर हो गया खेल
मुकेश सहनी की पार्टी के तीनों विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल और सवर्णा सिंह बीजेपी में शामिल हो गए हैं। उन्होंने अपने विधायक दल के विलय के लिए स्पीकर से मुलाकात की है। सबसे बड़ी बात ये है कि इन विधायकों के साथ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और दोनों उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी भी मौजूद रहीं। वीआइपी के पास निर्वाचित प्रतिनिधियों के तौर पर केवल यही तीन विधायक और एक विधान पार्षद मुकेश सहनी खुद है। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि बतौर विधान पार्षद सहनी का कार्यकाल कुछ ही हफ्तों में पूरा होने वाला है। इसके बाद वीआइपी का कोई भी विधायक या विधान पार्षद बिहार में नहीं बच जाएगा।
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