तीसरे चरण में दबाव की समस्या के कारण पृथ्वी अवलोकन मिशन पूरा नहीं हो सका: इसरो प्रमुख

ISRO chief
ANI

वैज्ञानिकों के अनुसार, उपग्रह को उसकी प्रभावी मिशन अवधि के बाद कक्षा से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में ईंधन आरक्षित कर लिया गया था ताकि इसे दो वर्षों के भीतर कक्षा में नीचे उतारा जा सके, जिससे मलबा-मुक्त मिशन सुनिश्चित हो सके।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी61 रॉकेट के तीसरे चरण में दबाव संबंधी समस्या के कारण पृथ्वी अवलोकन उपग्रह का रविवार को प्रक्षेपण नहीं कर सका। अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष वी नारायणन ने यह जानकारी दी। अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का यह 101वां मिशन था।

पीएसएलवी ने पूर्वनिर्धारित समय सुबह पांच बजकर 59 मिनट पर उड़ान भरी लेकिन मिशन के उद्देश्य पूरे नहीं हो सके। नारायणन ने कहा, ‘‘आज हमारा श्रीहरिकोटा से ‘पीएसएलवीसी61 ईओएस-09 मिशन’ के तहत 101वें प्रक्षेपण का लक्ष्य था।

पीएसएलवी चार चरण वाला यान है और दूसरे चरण तक इसका प्रदर्शन सामान्य था। तीसरे चरण की मोटर सही से चालू हो गई थी लेकिन इस चरण के संचालन के दौरान मिशन पूरा नहीं हो सका...।’’ तीसरा चरण एक ठोस मोटर प्रणाली है।

नारायणन ने कहा, ‘‘...मोटर केस के चैम्बर दबाव में गिरावट आई और मिशन पूरा नहीं हो सका। हम पूरे प्रदर्शन की समीक्षा कर रहे है तथा जल्द ही और जानकारी देंगे।’’

पीएसएलवी को अपने 63वें मिशन के तहत पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ईओएस-09) को लेकर जाना था। पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-09 वर्ष 2022 में प्रक्षेपित किए गए ईओएस-04 जैसा ही एक उपग्रह है।

‘सी-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार’ से लैस ईओएस-09 मौसम की सभी परिस्थितियों में किसी भी समय पृथ्वी की सतह की ‘उच्च-रिजॉल्यूशन’ वाली तस्वीरें लेने में सक्षम है। यह उपग्रह कृषि और वानिकी निगरानी से लेकर आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, उपग्रह को उसकी प्रभावी मिशन अवधि के बाद कक्षा से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में ईंधन आरक्षित कर लिया गया था ताकि इसे दो वर्षों के भीतर कक्षा में नीचे उतारा जा सके, जिससे मलबा-मुक्त मिशन सुनिश्चित हो सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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