IIT और NIT में अगले साल से मातृ भाषा में होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई: रमेश पोखरियाल

Ramesh Pokhriyal Nishank

अधिकारी ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह सभी छात्रवृत्तियों, फेलोशिप आदि को समय पर दिया जाना सुनिश्चित करे और इस संबंध में हेल्पलाइन शुरू करके छात्रों की सभी समस्याओं का तुरंत समाधान करे।’’

नयी दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) अगले शैक्षिक सत्र से छात्रों को उनकी मातृ में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराएंगे। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘तकनीकी शिक्षा, विशेष रूप से इंजीनियरिंग की शिक्षा मातृ में देने का लाभकारी निर्णय लिया गया और यह अगले शैक्षिक सत्र से उपलब्ध होगा। इसके लिए कुछ आईआईटी और एनआईटी को चुना जा रहा है।’’ बैठक में यह भी तय किया गया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) स्कूली शिक्षा बोर्ड से जुड़े समकालीन हालात का जायजा लेने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम लाएगी। 

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अधिकारी ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह सभी छात्रवृत्तियों, फेलोशिप आदि को समय पर दिया जाना सुनिश्चित करे और इस संबंध में हेल्पलाइन शुरू करके छात्रों की सभी समस्याओं का तुरंत समाधान करे।’’ एनटीए ने पिछले महीने ही हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा नौ क्षेत्रीय भाषाओं में जेईई की मुख्य परीक्षा कराने की घोषणा की थी। हालांकि आईआईटी ने अभी तक यह फैसला नहीं किया है कि क्या जेईई एडवांस की परीक्षा भी क्षेत्रीय भाषाओं में कराई जाएगी।

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